दो एकम दो दो दूनी चार
दो एकम दो
दो दूनी चार
जल्दी से आ जाता
फिर से सोमवार ।
दो तीए छ:
दो चौके आठ
याद करो अच्छे से
अपना-अपना पाठ ।
दो पंजे दस
दो छेके बारह
आओ मिल कर बने
एक और एक ग्यारह
दो सत्ते चौदह
दो अटठे सोलह,
जिद नहीं करना
बेकार नहीं रोना
दो नामे अट्ठारह,
दो दस्से बीस,
करना अच्छे काम,
देंगें मात-पिता आशीष ।
--डॉ॰ अनिल चड्डा