Wednesday, February 11, 2009

नीलम ने फिर से पूछी पहेलियाँ याँ -याँ-याँ -याँ-याँ

नीलम ने फिर से पूछी पहेलियाँ याँ -याँ-याँ -याँ-याँ

सबसे पहले उत्तर देने वाला बुद्धिमान , उसके बाद उत्तर देने वाले को सामान्य बुधि का घोषित किया जायेगा ,उत्तर न देने वाला पूर्णतया बुद्धू माना जायेगा ,सभी सही उत्तर देने वाले को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी घोषित किया जायेगा

१)ना छुरी ना बांक है ,
ना तलवार ना तीर
जाको लागे चुभि उठे ,
बेधत सकल शरीर

२)उजली धरती काला
बीज ज्ञान बांटने वाली चीज

३)धूप लगे सूखे नही ,
छांह लगे कुम्हलाय
कहो कौन सी चीज है ,
पवन लगे मर जाय

४)गहना तेरे आठ गाँठ का ,
गाँठ गली में रस
जो इसको न बुझे,
वो गाली पाए दस

५)आठ कुल्हाडी नौ तलवार ,
सबकी वो सह लेती वार ,
चाहे भागो साथ वो रहती ,
राजा रंक सभी को गहती



आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

15 पाठकों का कहना है :

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

1. गाली ऐसी चीज़ बिना धार चुभ जात ॥
बेधत सकल शरीर की बिना बात की बात ।।


2. काले अक्षर पृष्ठ पर मानो काले बीज ।
ज्ञान बढाने के लिये हर किताब एक चीज़ ॥

3. नम्बर तीजे आय कर अटक गये हम यार ॥
इतनी टफ टफ पहेलिया, सचमुच अत्याचार ॥

4. शायद गन्ना खेत का गली गली रस पूर ।
गाली उलटी जायेंगी गर गलत भी हुआ हुजूर ॥

5. धूप/छाय वो चीज़ वो कर लो कितने वार ।
रहे सभी के साथ मे भागो कितने यार ॥

Anonymous का कहना है कि -

१) दुःख (शायद)
२)किताब (राघव अंकल का चीट नही किया)
३) ???????????????????????????????????आप बताइए
४)जलेबी(शायद)
५)जमीन (शायद)

manu का कहना है कि -

paakhi bete,,,,,
shaayad paseena ho,,,

aur mujhe tumhaari jalebi me bhi shak
hai,,,,,gannaa hi hoga,,,,

aaur laast me to mujhe lagtaa hai bete,,,,tumne raaaghaw uncle ko maat de di,,,,,,

zameen hi lagaaa mujhe bhi,,,,

bahut achhe,,,,,
waakai samjhdaar,,,,,,,

Anonymous का कहना है कि -

नीलम जी
१ ...मालूम नही
२ किताब
३......पसीना
४ ......शायद गन्ना
५ ......परछाई
उत्तर कब बतायेंगी ?
rachana

Anonymous का कहना है कि -

नीलम जी... मैं ये पहेलियां नहीं बूझ पाया... लेकिन इतनी सुंदर पहेलियां पढ़कर जो मज़ा आया वो बता नहीं सकता... अमीर ख़ुसरो की पहेलियां याद आ गईं...
एक पहेली मुझे भी याद आ रही है...

पेट में वाके जल भरा, सिर पर राखी आग
बाजन लागी बांसुरी, निकसन लागे नाग
आगे भी सुनाइयेगा ऐसी पहेलियां...
नाज़िम नक़वी

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

एक और पहेली...


एक सखी दो लहंगा पहिने.. छः लटकावे नाड़े
कहो अगर तुम जानो उत्तर.. मुहुँ ताको क्या ठाड़े

Unknown का कहना है कि -

1- ज़बान
2- किताब
3- पसीना
4- गन्ना
5- परछाई

dschauhan का कहना है कि -

1- ज़बान
2- किताब
3- पसीना
4- गन्ना
5- परछाई

सीमा सचदेव का कहना है कि -

कटु वचन न बोलिए , भर भर दीन्ह किताब
खूब पसीना बह गया ,मिले न कोई जवाब
मिले न कोई जवाब तो रस गन्ने का पीवें
कह क क कविराय ,मृत्यु को कब कोई जीवे
संशय मन में अपार जवाब कोई न तोले
भले ही जाएँ हार ,पर कटु वचन न बोले

Anonymous का कहना है कि -

१-जुबान २-अक्षर ३-पता नही ४-गन्ना ५-सोचना पड़ेगा जी! और राघव जी आपकी पहेली का जवाब कही भुट्टा तो नही.........

neelam का कहना है कि -

नाजिम जी ,
शुक्रिया , आप आए बाल-उद्यान में हमारे ,खुदा की कुदरत है ,
कभी हम आपकी पहेली को ,कभी अपने इस बाल उद्यान को देखते हैं
आपकी पहेली ,नही आमिर खुसरो की पहेली का उत्तर है -हुक्का |
राघव जी आपकी पहेली का जवाब तो मालूम है मगर वो हुनर नही मालूम जिसमे आप जवाब देते हैं ,इसलिए उसे तो आप ही लिखिए ,उत्तर देने से पहले पिछले प्रतिभागियूं का इन्तजार है ,आचार्य जी और तपन जी का ,उनके उत्तर मिलने के बाद ही हम आप को
सही उत्तर बताएँगे ,तब तक करिए इन्तजार ,टाटा ,बाय ,बाय ,सीमा जी आपका उत्तर भी
अच्छा लगा ,आप तो इस बाल उद्यान की शान हैं ,आपके लिए जब तक हिन्दयुग्म में बाल उद्यान का नाम रहेगा सीमा जी आपका नाम सबसे आगे ,सबसे ऊपर याद रहेगा

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

उत्तर की बट ताकते गये तीन दिन बीत ॥
जल्दी देयो बताय अब, ये कहाँ की रीत ॥
ये कहाँ की रीत और नही अब प्रतीक्षा ॥
मिलें पहेलियों के उत्तर अब दिल की इक्षा ॥
बन्द पेट कर दर्द करो अब बतओ झटपट ॥
गये तीन दिन बीत जोहते उत्तर की बट ॥

पुत्तर हम नी खेल रये , हमारी वेट है भाई ॥
उत्तर क्यूँ बतलाने में अब, लेट है भाई ॥
दो - चार परी खून हमारा रोज सूखता ॥
रह-रह कर तरसाने में आज नहीं कोई चूकता ॥
तरसा लो नीलम जी और मत बतओ उत्तर ॥
कुछ ही देर में हम गुस्सा हो जायेंगे पुत्तर ॥

और हाँ...
अपुन की पहेली का जवाब भी तभी बतायेंगे ॥
हम भी बदला लेंगें और तीन-चार दिन सतायेंगे ॥

और भाई..

तीसरी पहेली का जवाब भी हमने सही बताया था ।
सोचते-2 जवाब जुबां की जगह मांथे पे आया था ॥
:)

Anonymous का कहना है कि -

Jald baaji mein likha hai....
pata nahin sahi hai ya galat..

bure shabd

kitaab

paseena

jalebi

parchaai

manu का कहना है कि -

मालूम है तपन जी,ये अंग्रेजी जल्दबाजी में ही साथ देत है,,मुझ से भी ऐसा ही होता है,,,,
अब पता कैसे चले के किसके ज़वाब कैसे हैं...............राघव जी के तो खैर ग़लत भी हुए तो ...इस शानदार अंदाज़ पर उनके मार्क्स पूरे हैं.....ऐसा ही सीमा जी का है.....हे राम ...अब के भी मेरा नाम ही ना लिखा जाए सबसे ऊपर ग़लत उत्तर देने के लिए .......

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)