नाजिम जी और मनु जी बुद्धू घोषित किए जाते हैं
राघव जी बुद्धिमान ,व् तपन जी सर्व श्रेष्ठ प्रतिभागी घोषित किए गए हैं ,इस बार भी ,
पहेलियों के उत्तर कुछ इस प्रकार हैं ,आप सभी का उत्साह अच्छा लगा ,आशा है अगली बार कुछ और प्रतिभागी भी
भाग लेंगे ,
१) बुरे बचन , नैन
२)किताब
३)पसीना
४)जलेबी
५)परछाई
नाजिम जी व् मनु जी अन्यथा न ले प्रतियोगिता में भाग लेने के नियमों का पालन न करने पर आपको इस विभूति से सुसोभित किया गया है ,बच्चों की दुनिया में कोई बड़ा नही कोई छोटा नही ,यह तो हम सबको ही पता है

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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7 पाठकों का कहना है :
naazim ji,
hamaari tarah aapko bhi khitaab ki bahut bahut mubaarak baad ho,,,,,,,,,
इस बार ध्यान नही दिया अगली बार मै भी भाग लूँगा, और नाजिम जी और मनु भाई का स्थान प्राप्त करने की पूरी कोशिश करूँगा
सुमित भारद्वाज
सुमित जी,
मजाक काहे करते हैं,,,,? हमारी जगह भला कौन लेना चाहेगा,,,??? आपको बहुत फस्ट किलास दिख रही है का ई जगह,,,,?????????
तो आ जाइए,,,,,कह कर हमरे नाम के बजाय ,,,,लिखवा लीजिये अपना नाम,,,,,,,!!!!!!!!
पर हाँ,,,,,,,,,,,,सबसे ऊपर लिखा है हमारा नाम ,,,हैडिंग में,,,,,,,,,
par naazim ji ke baad,,,,,,,,,,,,,,
मनु जी... आपको भी बहुत बहुत मुबारक हो... ये तो बड़े ऊ का कमाल है जो बुद्ध को बुद्धू बना देता है... दोनों एक ही ख़ानदान से हैं...
मनु भाई,
ये ही तो मै कहना चाह रहा था, आप समझ गये, यदि ऐसा ही रहा था तो आप तपन भैया या राघव जी का स्थान प्राप्त कर लेंगे,
और अगली बार home page पर आपकी जगह मेरा नाम होगा
तो आप अपना स्थान बचाने की पूरी कोशिश कीजिये
जगह जगह की बात है जगह जगह का फेर ।
देर भले ही हो रही , मगर नहीं अन्धेर ॥
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