थक गई हूँ मैं गुड गर्ल बनते बनते
अमेरिका में अभी क्रिस्मस की रात होगी। इस अवसर पर हम रचना श्रीवास्तव की एक कविता लेकर आये हैं। रचना जी ने जब नैन्सी शेरमैन की कविता पढ़ीं तो उसकी पहली पंक्ति 'आई एम ट्राइड ऑफ बीइंग गुड बिफोर क्रिस्मस' से प्रभावित हुईं और बाल-उद्यान के लिए यह कविता लिख भेजीं।
थक गई हूँ मैं गुड गर्ल बनते-बनते
दाल पीते और करेला चखते-चखते
माँ कहती है सेंटा देख रहा है
मेरी हरकतों को तोल रहा है
सब के साथ करो बिहेव नाईस
यही है निर्णय वाइस
बनोगी अच्छी तो
दे जायेगा गिफ्ट वो सूरज ढलते-ढलते
थक गई हूँ मैं गुड गर्ल बनते बनते
दूध पूरा पीती हूँ, बहन से प्यार करती हूँ
गोद दे जो स्कूल की कॉपी
तो भी गुस्सा नहीं करती हूँ
प्यारे खिलौने भी संग उस के बाँटा करती हूँ
परेशान हो गई हूँ ऐसा करते-करते
थक गई हूँ मैं गुड गर्ल बनते-बनते
शोर करके उधम मचाऊँ ऐसा दिल करता है
खाने में बस नुडल्स खाऊँ ऐसा दिल करता है
यूनिफॉर्म पहन सो जाऊँ ऐसा दिल करता है
चीजें इधर-उधर गुमाऊँ ऐसा दिल करता है
बोर हो गईं हूँ सब कुछ सही जगह रखते-रखते
थक गई हूँ मैं गुड गर्ल बनते-बनते
सेंटा को खुश करने को
होम वर्क बिना गलती के किया
तो टीचर को आश्चर्य हुआ
मिला पूरा नंबर तो माँ का दिल खुश हुआ
इस बात पर मुझको ये अहसास हुआ
अपनों की ख़ुशी से जो संतोष मिलता है
उस का मोल कोई गिफ्ट कहाँ चुका सकता है
कहूँगी सभी से यही चलते-चलते
थकी नहीं हूँ अब मैं गुड गर्ल बनते-बनते
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8 पाठकों का कहना है :
Nice Poem - congratulation.
सेंटा को खुश करने को
होम वर्क बिना गलती के किया
तो टीचर को आश्चर्य हुआ
मिला पूरा नंबर तो माँ का दिल खुश हुआ
इस बात पर मुझको ये अहसास हुआ
अपनों की ख़ुशी से जो संतोष मिलता है
उस का मोल कोई गिफ्ट कहाँ चुका सकता है
कहूँगी सभी से यही चलते-चलते
थकी नहीं हूँ अब मैं गुड गर्ल बनते-बनते
kavita bahut he acchi lagi
bahut pyari kavita..dhanywaad
bahut hi achche bhaav hain rachna ji,
merry christmas to u and all yors
near and dear ones' .
बढ़िया है जी
कविता पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद .
कविता के साथ जो फोटो लगाई है वो बहुत ही सुंदर है आप का धन्यवाद
रचना
its really very very good poem.
सेंटा को खुश करने को
होम वर्क बिना गलती के किया
तो टीचर को आश्चर्य हुआ
मिला पूरा नंबर तो माँ का दिल खुश हुआ
इस बात पर मुझको ये अहसास हुआ
अपनों की ख़ुशी से जो संतोष मिलता है
उस का मोल कोई गिफ्ट कहाँ चुका सकता है
कहूँगी सभी से यही चलते-चलते
थकी नहीं हूँ अब मैं गुड गर्ल बनते-बनते
bahut sunder kavita hai
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