नया-नया साल है आया
बच्चो,
आज साल 2009 का आखिरी दिन है। खूब मस्ती हो रही है ना!
तुम सबकी दोस्त पाखी ने तुम सबके लिए एक कविता लिखी है।
और जानते हो, नीलम आंटी ने उसे अपनी आवाज़ भी दी है।
नया-नया साल है आया,
ढेर सी खुशियाँ साथ में लाया।
नए साल में ये करना है,
नए साल में वो करना है।
हैं सभी तैयार नववर्ष को,
अपनाने और स्वागत करने को।
हर जगह हो रही है पार्टी,
"हैप्पी न्यू इयर" कहतीं हर आंटी।
नए साल में प्रदूषण को,
करेंगे कोशिश कम करने को।
हिंसा, झूठ और बदले को भूल,
सब जायेंगे खुश होकर स्कूल।
2010, आ गया है भाई,
हम तो खायेंगे ढेर सी मिठाई।
हर जगह बस ख़ुशी बिखर जाये,
नया साल कुछ ऐसा लाए।
ईश्वर से करती प्रार्थना आसमान तले,
दुश्मनी भूलकर लग जाएँ सब गले।
--पाखी मिश्रा।
इस कविता को नीलम आंटी की आवाज़ में नीचे का प्लेयर चला कर सुनो-
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5 पाठकों का कहना है :
हार्दिक शुभकामनाएँ।
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पुरूषों के श्रेष्ठता के जींस-शंकाएं और जवाब।
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।
kavita bahut acchi lagi....
aap sabhi ko naye saal ki hardik shubhkamnaye.....
बढिया रचना .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
बाल-उद्यान पर पहली आया और अच्छा लगा. सभी को नव वर्ष मंगलमय हो.
नए साल में प्रदूषण को,
करेंगे कोशिश कम करने को।
हिंसा, झूठ और बदले को भूल,
सब जायेंगे खुश होकर स्कूल।
सुन्दर कविता है पाखी बिटिया.
सभी को नये साल की हार्दिक शुभकामनाएं
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