क्रिसमस का त्योहार
पूर्व दिशा में चमका तारा
प्रभु ईसा जन्मा है प्यारा
तीन सयाने दूर से आए,
मरियम को भी शीश नवाए।
बतलहम की एक सराय
थे भेड़ों के जहाँ चरवाहे
यूसुफ संग मंगेतर आया
अद्भुत बेटा उसने पाया।
नाजरथ के उस यीसू की
याद दिलाने आता क्रिसमस
बारह दिन का पर्व अनोखा
धूम मचाता आता क्रिसमस।
छुट्टी का मौसम मस्ती का
बाल-युवा सब कैरोल गाते
फादर क्रिसमस रात को आके
मोजों में चीजें भर जाते।
क्रिसमस केक, पुडिंग, चाकॅलेट,
माँ ढेरों कैंडी मँगाती
दीदी, भैया के संग मिलके
सुंदर क्रिसमस ट्री सजाती।
सजे-धजे सब चर्च में जाके
क्रिसमस कैंडल ज्योति जलाते
दूर कहीं से क्रिसमस बैल सुन
दिल में प्रभु का प्यार जगाते
शुभकामना कार्डस् बाटंते
प्रियजन को उपहार बांटते
करने क्रिसमस शॉपिंग सारे
हफ्तों पहले मॉल भागते
प्रेम बढ़ाने प्रीत सिखाने
हर साल आता है क्रिसमस
जीवन एक उत्सव है मनाएँ
यही बताने आता क्रिसमस।
अनिता निहालानी
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4 पाठकों का कहना है :
बहुत खूबसूरत रचना..क्रिसमस ही बहुत बहुत बधाई
achhi rachna --- christmas ki badhai.
प्यारी कविता.
Merry Xmas
kavita acchi lagi.........
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