Thursday, December 24, 2009

क्रिसमस का त्योहार

पूर्व दिशा में चमका तारा
प्रभु ईसा जन्मा है प्यारा
तीन सयाने दूर से आए,
मरियम को भी शीश नवाए।
बतलहम की एक सराय
थे भेड़ों के जहाँ चरवाहे
यूसुफ संग मंगेतर आया
अद्भुत बेटा उसने पाया।
नाजरथ के उस यीसू की
याद दिलाने आता क्रिसमस
बारह दिन का पर्व अनोखा
धूम मचाता आता क्रिसमस।
छुट्टी का मौसम मस्ती का
बाल-युवा सब कैरोल गाते
फादर क्रिसमस रात को आके
मोजों में चीजें भर जाते।
क्रिसमस केक, पुडिंग, चाकॅलेट,
माँ ढेरों कैंडी मँगाती
दीदी, भैया के संग मिलके
सुंदर क्रिसमस ट्री सजाती।
सजे-धजे सब चर्च में जाके
क्रिसमस कैंडल ज्योति जलाते
दूर कहीं से क्रिसमस बैल सुन
दिल में प्रभु का प्यार जगाते
शुभकामना कार्डस् बाटंते
प्रियजन को उपहार बांटते
करने क्रिसमस शॉपिंग सारे
हफ्तों पहले मॉल भागते
प्रेम बढ़ाने प्रीत सिखाने
हर साल आता है क्रिसमस
जीवन एक उत्सव है मनाएँ
यही बताने आता क्रिसमस।

अनिता निहालानी


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4 पाठकों का कहना है :

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

बहुत खूबसूरत रचना..क्रिसमस ही बहुत बहुत बधाई

Sujan Pandit का कहना है कि -

achhi rachna --- christmas ki badhai.

Kavi Kulwant का कहना है कि -

प्यारी कविता.
Merry Xmas

Unknown का कहना है कि -

kavita acchi lagi.........

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