पप्पू पास हो गया
बिगड़ा काम रास हो गया,
पप्पू पास हो गया
कौन है इतने विषय बनाता,
बच्चों को है बड़ा डराता,
विषयों से हमारा क्या है नाता,
पढ़ाई को कर दूँ टाटा,
पढाई न हुई त्रास हो गया,
पप्पू फिर उदास हो गया
गणित तो समझ नहीं आता,
गुणा-भाग में ही उलझ जाता,
मुश्किल से परचा पूरा हो पाता,
सवाल तो सवाल ही रह जाता,
तीन घण्टा यूँ पास हो गया,
पप्पू फिर उदास हो गया
अंग्रेजी की भी अपनी कहानी,
मर जाये अंग्रेजों की नानी,
खुद चले गये छोड़ी परेशानी,
शिक्षा विभाग भी करे मनमानी,
आज फिर निराश हो गया,
पप्पू फिर उदास हो गया
इतिहास भूगोल का परचा सारा,
पल्ले न पड़े क्या करे बिचारा,
सवाल, गांधीजी को किसने मारा,
जवाब, मैंने नहीं मारा,
सोचते-सोचते बुरा हाल हो गया,
पप्पू फिर उदास हो गया
विज्ञान भी मुझको नहीं सुहाता,
अच्छा होता पर्चा लीक हो जाता,
मेरा काम आसान हो जाता,
'पासिंग-मार्क' तो जुटा ही पाता,
विज्ञान गले की फाँस हो गया,
पप्पू फिर उदास हो गया
पापा को सारा हाल सुनाया,
एक पर्चा पूरा न हो पाया,
पापा का भी जी घबराया,
पापा ने मास्टर को पटाया,
"रत्ती" चुटकी में अपने आप हो गया,
धक्के से पप्पू पास हो गया
रचनाकार : सुरिंदर रत्ती
घर का पता : ओमकार का-आप हाउसिन्ग सोसायटी, म-१-डी, रुम न. ३०४, सायन, मुम्बई - ४०० ०२२.
उम्र : ४५ वर्ष
सर्विस : यूनिवर्सल म्युज़िक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (अस्सिस्टेंट मैनेजर ), मुम्बई
शिक्षा : बी.कॉम, मुम्बई यूनिवर्सिटी, और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की जानकारी ली
रुचि : गीत-संगीत लिखना और गाना, पुस्तकें पढ़ना, काव्य गोष्टीयों में भाग लेना, फोटोग्राफी, ट्राव्लींग इत्यादि
कुछ समय पहले इनकी दो आडियो केसेट आ चुकी हैं और एक पुस्तक पर काम चल रहा है।

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6 पाठकों का कहना है :
पापा को सारा हाल सुनाया,
एक पर्चा पूरा न हो पाया,
पापा का भी जी घबराया,
पापा ने मास्टर को पटाया,
"रत्ती" चुटकी में अपने आप हो गया,
धक्के से पप्पू पास हो गया
" हा हा बहुत खूब, तो आख़िर मे पप्पू पास हो ही गया ना. सुबह सुबह इतनी हास्य कवीता पढ़ कर दिल खुश हो गया"
Regards
बहुत मीठास है रचना मे |
मज़ा आया |
अच्छा है पप्पू आखीर मे पास हो गया |
अवनीश तिवारी
हा हा हा आखिर पप्पू पास हो ही गया..
बढ़िया, बहुत बढ़िया..
Rattiji,
Bahut aachi rachna hai...
Aakhir mein to Pappu aur Pappa dono pass ho gaye...
Lage Raho....
पापा को सारा हाल सुनाया,
एक पर्चा पूरा न हो पाया,
पापा का भी जी घबराया,
पापा ने मास्टर को पटाया,
"रत्ती" चुटकी में अपने आप हो गया,
धक्के से पप्पू पास हो गया
मजेदार रचना :)
हास्य रंग से भरपूर है यह बाल -कविता.
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