महलो की रानी
प्यारे बच्चों,
आज आपके लिये एक काव्य-कथा ले कर आयी हैं- बैंगलुरू (कर्नाटक) से सीमा सचदेव। आशा है कहानी आपको पसन्द आएगी। सीमा जी नें बहुत सी बाल-कहानियाँ व कवितायें लिखी हैं व जल्द ही अपनी पुस्तकें प्रकाशित करवा रही हैं।
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एक कहानी बड़ी पुरानी
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एक कहानी बड़ी पुरानी
आज सुनो सब मेरी जुबानी
विशाल सिन्धु का पानी गहरा
टापू एक वहाँ पर ठहरा
छोटा सा टापू था प्यारा
कुदरत का अद्बुत सा नज़ारा
स्वर्ग से सुन्दर उस टापू पर
मछलियाँ आ कर बैठती अक्सर
धूप मे अपनी देह गर्माने
टापू पे बैठती इसी बहाने
उसपर इक जादू का महल था
जिसका किसी को नही पता था
चाँद की चाँदनी मे बाहरआता
और सुबह होते छुप जाता
उसको कोई भी देख न पाता
न ही किसी का उससे नाता
एक दिन इक भूली हुई मछली
रात को जादू की राह पे चल दी
सोचा रात वही पे बिताए
और सुबह होते घर जाये
देखा उसने अजब नज़ारा
चमक रहा था टापू सारा
सुंदर सा इक महल था उस पर
फूल सा चाँद भी खिला था जिस पर
देख के उसको हुई हैरानी
पर मछली थी बडी सयानी
जाकर खडी हुई वह बाहर
पूछा ! बोलो कौन है अन्दर
क्यो तुम दिन मे छिप जाते हो?
नज़र किसी को नही आते हो?
अन्दर से आई आवाज़
खोला उसने महल का राज
रानी के बिन सूना ये महल
इसलिए रक्षा करता है जल
ढक लेता इसे दिन के उजाले
क्योकि दुनिया के दिल काले
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मछली रानी बडी सयानी
समझ गई वो सारी कहानी
चली गई वो महल के अन्दर
अब न रहेगा महल भी खँडहर
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मछली बन गई महल की रानी
अब न रक्षा करेगा पानी
महल को मिल गई उसकी रानी
खत्म हो गई मेरी कहानी
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सीमा सचदेव
७ए, ३र क्रॉस, रामान्जन्या ले आऊट,
माराथली , बन्गलोर-५६००३७
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बच्चो, जाकिर अली रजनीश की कहानी अपना अपना फर्ज भी पढ़ें, ये कहानी भी आपको पसंद आएगी।
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12 पाठकों का कहना है :
मछली बन गई महल की रानी
अब न रक्षा करेगा पानी
महल को मिल गई उसकी रानी
खत्म हो गई मेरी कहानी
" beautiful story with soft touch and with happy ending. after a long time really enjoyed reading it ya"
Regards
rajiv ji,
bahut sundar kahani hai
ati sundar
भई बहुत सुन्दर कहानी है। और उतना ही सुन्दर है रानी का महल।
आप दोनों लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
सचदेव जी,बहुत ही प्यारी कहानी,
आलोक सिंह "साहिल"
सीमा जी! आपकी रचना हमे तो पसंद आई और उम्मीद है कि बच्चों को भी पसंद आयेगी. बधाई स्वीकारें!
बहुत प्यारी कहानी सुनाई है। मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत खूब..
namaskaar ,
Seema ji, alok ji,jakir ali ji,sahil ji,ajay yaadav ji,mahamantari (tasleem)aur kulvant yaadav ji aap sabko hardik dhanavaad ki aapne meri kahaani padhi aur saraaha bhi . asha karati hoo ki aap sab ka saath aage bhi bana rahega......seema
जितनी प्यारी मछ्ली रानी
उतनी प्यारी बनी कहानी
सुन्दर सपनों का संसार
बच्चे खुश होंगें हर बार
हम भी टापू में खो गये
कुछ देर के लिये बच्चे हो गये
महल की रानी मछ्ली बन गयी
जल की रानी असली बन गयी
और चाहिये क्या .......
हा हा हा.. हा हा हा.. हा हा हा
मजा आ गया सीमा जी आपकी कहानी पढ़कर
कहाँ से लायी हो आप ये सब गढ़कर..
बहुत बहुत बधाई
बहुत हीं सुंदर कहानी है सीमा जी, और उससे भी सुंदर है उसे प्रस्तुत करने का अंदाज।
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
बहुत सुंदर कहानी है.
आगे भी इंतज़ार रहेगा आप की ऐसी ही बाल कहानियो का.
क्यूंकि इस तरह की कहानियाँ आज भी मुझे बहुत प्रिय हैं.
भुपेन्द्र जी,तन्हा कवि जी ,अल्पना जी मुझे खुशी है कि आपको मेरी बाल-कथा पसन्द आई ,और सुन्दर सी टिप्पणी के लिए बहुत्-बहुत धन्यवाद |उम्मीद है हम आगे भी यहाँ पर मिलते रहेन्गे.......सीमा सचदेव
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