जीवन इस पर वारें
देश हमारा हम इसके हैं,
जीवन इस पर वारें ।
जीवन इस पर वारें ।
फूल खिले हर इस बगिया का,
अपना चमन संवारें ।
जीवन इस पर वारें ।
पतझड़ का मौसम न आए,
खूब खिलाएं बहारें ।
जीवन इस पर वारें ।
तूफानों में घिरी हो कश्ती,
मिलकर पार उतारें ।
जीवन इस पर वारें ।
दूर गगन तक हमको जाना,
मीत बना लें तारे ।
जीवन इस पर वारें ।
चल न सकें जो साथ हमारे,
उनके बने सहारे ।
जीवन इस पर वारें ।
संकट कोई भी जब आए,
हम फूल बनें अंगारे ।
जीवन इस पर वारें ।
कवि कुलवंत सिंह

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5 पाठकों का कहना है :
बहुत ही प्यारी देशभक्ति का पाठ पढाती कविता,बढ़ी हो सर जी
आलोक सिंह "साहिल"
अच्छी लगी यह बाल कविता ..!!
बहुत अच्छी देश भक्ति की प्रेरणा देने वाली कविता......सीमा सचदेव
कवि जी सुन्दर देश प्रेम युक्त बाल-कविता..
isme deshbhakti kahan hai ???
mujhe ye kavita acchi nahin lagi.....
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