माँ तुझको शीश नवाता हूँ
माँ तुझको शीश नवाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ ।
तेरे चरणों की रज पाकर,
अभिभूत हुआ मै जाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
आशीष वचन सुन तेरे मुंह से,
मै फूला नही समाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
ममता तेरी जब भी पाता,
मैं राजकुँअर बन जाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
गम मुझको हैं छू नही पाते,
आंचल जब तेरा पाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
अवगुन मेरे ध्यान न लाये,
मै हर दिन माफी पाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
मेरी दुनिया तू ही माँ है,
तुझमें ही सब कुछ पाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
कवि कुलवंत सिंह
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8 पाठकों का कहना है :
बहुत अच्छी प्रार्थना है |
बहुत पावन भाव है |
अवनीश तिवारी
ममता तेरी जब भी पाता,
मैं राजकुँअर बन जाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
" बहुत सुंदर और ममता भरी कोमल कवीता"
Regards
kavi kulvant ji namaskaar,
aapki kavita bahut pasand aai. maa ki mamta ke liye apani kavita ki kuch panktiyaan likh rahi hoo:-
DHARATI KA SVARG TO MAA HI HAI
IS MAA KI MAMTA KE AAGE
BAIKUNTH DHAAM,SHIV LOK TO KYA
BRAHAM LOK BHI CHOTA PAD JAATA
PRANAAM KAROO TUJHKO MAATA...(SEEMA SACHDEV)
सुन्दर मातृत्वप्रेममय कविता..
बहुत बहुत बधाई
माँ को समर्पित कुछ पंक्तियाँ :
हम अपनी उँगली चटकाकर
ब्रह्म्माँड कँपाने वाले हैं
हम बालवीर हनुमान सभी
सूरज को खाने वाले हैं
हम एक इशारे पर माँ के
बलि जाने को रोहताश सभी
हम प्रलय मचा दें आखों से
माँ हो जो अगर उदास कभी
एकलव्य सभी बलवीर सभी...
अवसर पर चला दिखा देंगें
अपने तरकश की तीर सभी
http://baaludyan.hindyugm.com/2007/12/blog-post_13.html
बहुत ही प्यारी प्रार्थना
आलोक सिंह "साहिल"
मेरी दुनिया तू ही माँ है,
तुझमें ही सब कुछ पाता हूँ ।
माँ तुझको शीश नवाता हूँ । माँ ...
क्या बात है कवि जी!
बहुत खूब!
माँ-पिता के बारे में जो भी कहा जाए कम हीं होता है।
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
कुलवंत जी, गजल के फार्मेट पर आपने बडी सुन्दर कविता लिखी है। बधाई स्वीकारें।
आप सभी का हर्दिक धन्यवाद...आप सभी के प्यार का ऋणी...
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