मधुर वचन
केवल सात स्वरों से देखो
कैसे बन जाता है गीत ।
सात स्वरों का संगम मधुर हो
तो सबके मन को लेता है जीत ।
झूम - झूम तब मन उठता है
छिड़ता है जब मधुर संगीत ।
मधुर वचन बोलो तो तुम भी
सबके मन को लोगे जीत ।
मधुर वचन से अजनबी तो क्या
दुश्मनों में हो जाती है प्रीत ।
इंसान ही क्यों, मधुर वचन से
पशु-पक्षी भी बन जाते हैं मीत ।
तुम भी ग्रहण कर लो यह सीख
देता है जो सबको संगीत ;
मधुर वचन बोलो तो तुम भी
सबके मन को लोगे जीत ।
सीमा
८ अप्रैल १९९४
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13 पाठकों का कहना है :
वाह!
बहुत ही सुन्दर रचना, बच्चों को निश्चय ही पसंद आयेगी।
मीठा बोलना वाकई में बहुत आवश्यक है, आपने अच्छा संदेश दिया है बच्चों को, बधाई!!!
बढिया रचना है।
वाह! शिक्षाप्रद कविता है। आपने एक तरह से 'ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोये, औरों को शीतल करें, आहहुँ शीतल होय' की व्याख्या कर दी है, महिमा बता दी है। अच्छा प्रयास।
सीमा जी संगीत के मध्यम से मधुर शिक्षा दी है आपने बच्चों को, बहुत अच्छे
सुंदर कविता है सीमा जी .. मधुर मीठा बोल के ही दुनिया जीती जा सकती है
अच्छी शिक्षा है ख़ास कर के आज के बच्चों के लिए [:)]बधाई!
सात सुरों से सजी इस सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाई।
बहुत शिक्षाप्रद है सीमा जी।
मधुर वचन बोलो तो तुम भी
सबके मन को लोगे जीत ।
*** राजीव रंजन प्रसाद
अच्छी सीख दी है आपने, सीमा जी! बधाई!
सीमा जी
सात स्वरों के गीत से आपने तो सब का मन मोह लिया सुन्दर रचना के लिये बधाई।
सीमा जी
सात स्वरों के गीत से आपने तो सब का मन मोह लिया सुन्दर रचना के लिये बधाई।
सीमा जी,
मधुर वाणी का मुल्याकंन बच्चों के साथ साथ बडों के लिये भी आवश्यक है... सुन्दर रचना के लिये बधायी.
बच्चो के साथ-साथ यह बड़ो के लिये भी शिक्षा प्रद रचना है...
शानू
वाह!
सात स्वरों का मधुर संगम
सात स्वरों का मधुर संगीत
मीठा बोलना
अच्छा संदेश बच्चों को,
बधाई|
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