Monday, September 17, 2007

गधा-तम्बाकू सम्वाद

हरा-भरा सा खेत देखकर
रुक गए गर्दभ राज
खुशी खेलने लगी खुरों पर
बजा उदर में साज
भैया ख़ूब खाऊंगा आज



बढ़ने लगे उस ओर खेत के
जिधर अधिक हरियाली
खुशी और बढ़ गई गधे की
नहीं था कोई माली
भैया करने को रखवाली



खुशी से ढैंचू-ढैंचू करता
पहुँचा खेत के पास
तम्बाकू का खेत देखकर
गर्दभ हुआ उदास
भैया उड़ गए होश-हवास


तम्बाकू ने कहा गधे से
क्या हुआ गर्दभ सेठ ?
तुमको इतनी भूख लगी है
क्यों नहीं भरते पेट ?
भइया मारो खाकर लेट ?


बोला गधा तम्बाकू से
क्यों मोल लूँ मैं कैंसर
बेशक गधा कहते मगर
इस बात की मुझको ख़बर
बीमारियों के तुम हो घर


बोला तम्बाकू देख जाकर
स्वागत में सम्मान में
मैं मिलुँगा हर जगह
बीडी सिगरेट पान में
हर छोटी बड़ी दुकान में


बोला गधा अज्ञान हैं वो
जो चढाते तुझको सर
जूते पड़ेंगे देख जाकर
मन्दिर मस्जिद गिरजाघर
जरा गुरुद्वारे में कदम तो धर




जो भी तेरी फितरत से
और परिचित होंगे बात से
कोसों दूर रहेंगे तुझसे
छुयेंगे भी नहीं हाथ से
बस खडा रह औकात से




- राघव


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17 पाठकों का कहना है :

Avanish Gautam का कहना है कि -

बढिया!!

अभिषेक सागर का कहना है कि -

राघव जी
गधा की उपमा दे कर अच्छी सीख दी है।
इस उपमा को देख बच्चे तम्बाकू से दूर रहना जरूर सीख लेगें।

गरिमा का कहना है कि -

राघव जी... अच्छी सीख दी है... बढिया।

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

राघव जी,
बाल-उद्यान के स्थायी सदस्य के रूप में आपका स्वागत है। यह आवश्यक शिक्षा है। बच्चों के कोमल मन में इन उत्पादों के प्रति घृणा का भरा जाना आवश्यक है और गधा बहुत सुन्दर पात्र चुना है आपनें। जब गधे समझ सकते हैं तो.....:)

*** राजीव रंजन प्रसाद

सुनीता शानू का कहना है कि -

राघव जी बढ़ती उम्र के बच्चों के लिये अच्छी सीख है यह...बच्चों को एसी कवितायें ही ज्यादा पसंद आती है जो हँसते-हँसते कुछ सीख दे जाती है...


शानू

Mohinder56 का कहना है कि -

हास्य के साथ साथ सीख भरी कविता के लिये आप बधाई के पात्र है... ये सीख बच्चों के साथ साथ बडों को भी लेनी चाहिये

रंजू भाटिया का कहना है कि -

वाह !!बहुत ही सुंदर सीख ..बहुत खूबसूरत लगी आपकी यह रचना :)

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

हिन्द-युग्म परिवार में आपका स्वागत है।

तम्बाकू-सेवन न करने की सीख जिस प्रकार से आपने दी है वो प्रसंशनीय है। बहुत बढ़िया।

Unknown का कहना है कि -

hello raghav ji ,
sorry.i m vr sorry wht evr i hv writtn pls mujhe maaf kar dijiye ,vr vr n vr sorry ,i m feeling vr sorry .aapki poems bahut aachi h mujhe aase nhn kehna chahiye tha
again n again i m vr sorry

Unknown का कहना है कि -

राघवजी
बाल उद्यान पर आपने बच्चों के साथ बड़ों को भी सीख दे डाली। बच्चों के कोमल मनोभावों पर इस प्यारी रचना के माध्यम से बड़ा ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हादिर्क शुभकामनायें।

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

इस मनोरंजक कविता के लिए हार्दिक बधाई।

गीता पंडित का कहना है कि -

राघव जी,

गधा बहुत सुन्दर पात्र चुना आपनें।

बच्चों के साथ
बडों को भी अच्छी सीख दी है।

बहुत सुंदर रचना ....

SahityaShilpi का कहना है कि -

राघव जी!
इस सीख की ज़रूरत तो बड़ों को भी है.
सुंदर कविता के लिये बधाई!

Sanwrii का कहना है कि -

Kavi Shree Raghav,
Baal Udyan ki aapki ye Rachana na Sirf Bachhon ko balki bado ke liye bhi ShikshaPrad hai.
Ye Vyangya bhi hai. Vishay-Patra aur Prastutikaran bahut sundar hai.
Aapko khoob Badhaii...
Sadhanyawad,

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

स्नेही स्वजनों, प्रिय बच्चों व साथियो,

आप सभी की प्यार व भाव लसित टिप्पणियाँ देख अत्यंत खुशी हो रही है.. आप सभी का शुक्रिया अंतरदिल से अदा करता हूँ ओर उम्मीद करता हूँ कि यही स्नेह हमेशा बना रहेगा.
-नमस्कार

Unknown का कहना है कि -

Raghve ji, your poem is very sweet and it give a massege for new generation.yougester learn a lession from your poem,good

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

Bahut Khoob. Kahanee ke dwara achchee seekh dee hai. Badhayi.

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