प्यारे फूल

फूल फूल प्यारे फूल
कितने न्यारे प्यारे फूल
अपने आँगन में लगाओ
अपने बागों मे लगाओ
नन्हे प्यारे सुन्दर फूल
लाल, गुलाबी, नीले, पीले
है ये रंग बिरंगे फूल

कितने नाजुक कितने कोमल
है ये एक डाल के फूल
काँटों में भी हँसते फूल
फूल फूल प्यारे फूल
कितने न्यारे प्यारे फूल
-रचना सागर
रचना तिथी : ०१.१०.१९९५
यह मेरी पहली रचना है
मै तो तब ८वीं कक्षा में थी

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7 पाठकों का कहना है :
रचना जी
फूल से बच्चों के लिये आपकी यह रचना- प्यारे फूल सटीक बन पडी है। उसपर यह आपके भी बालपन की कविता है उसपर इसका इस मंच पर महत्व और भी बढ जाता है।
बहुत अच्छा प्रस्तुतिकरण। चित्र भी आपने अच्छे लगाये हैं।
बधाई आपको।
*** राजीव रंजन प्रसाद
रचना के रचना तरुवर से
एक फूल अनमोल खिला..
बच्चों के हित की कविता सच
सीखने को बहुत मिला..
बाधाओं से हँसकर लड़ना
ज्यों खिलता काटों में फूल
ये अनमोल बातें हैं बच्चो
जीवन में मत जान भूल..
रचना जी बच्चों कि तरफ से ओर मेरी बहुत बहुत धन्यवाद.
बेहद खुशी इस बात की कि ये आपके बालपन की कविता है..
नमस्कार.
बच्चों को फूल दिखाते वक़्त यह गीत गाकर सुनाया जाय तो उनको बहुत अच्छा लगेगा।
बहुत खूब, रचना जी! आप १२ साल पहले भी बहुत अच्छा लिख लेतीं थीं. बहुत बधाई!
फूलो जैसे बच्चे और उस पर यह प्यारी सी कविता
बहुत सुंदर लगी रचना जी ...बधाई
फूलों का बडा सुन्दर चित्रण किया है आपने। इसके साथ ही साथ आपने फूलों का चित्र भी बडा प्यारा लगाया है। बधाई स्वीकारें।
रचना जी.
खुशी इस बात की है...
कि ये आपके बालपन की कविता है..
फूलों का सुन्दर चित्रण,
फूलों का सुन्दर चित्र ...
बधाई
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