एक चिडिया
मित्रो , वेसे तो मैं अपनी कविता ही पोस्ट करना चाहता था किन्तु मुझे कुछ ऐसा मिल गया जिसने मुझको बचपन के गलियारों मे जाने को मजबुर कर दिया ये यू-ट्यूब की एक लिंक है जो शायद आपकी भी बचपन की यादों को ताजा कर देगी |
निम्न विडियो को देखिए और यादों मे खो जाइये , मुझे उम्मीद है ये आपको ये पसंद आयेगा |
एक चिडिया

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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4 पाठकों का कहना है :
ऋषिकेश जी
मै यहाँ पर तो नही देख सकता परंतु यह मुझे मिल गयी थी।
सचमुच बचपन की याद ताजा कर देती है और तो और मेरी बेटी को भी बहुत पसंद है यह।
रिषिकेष जी,
दुर्लभ संग्रहालय बाल-उद्यान को प्रदान करने का आभार।
विनम्र निवेदन करना चाहूँगा कि आपकी मौलिक अभिव्यक्ति का आनंद कुछ और ही होता साथ ही साथ यदि इस प्रकार का संग्रहालय बाल-उद्यान को आप अलग से प्रदान करें जिससे समय समय पर उसे किसी विषेश पर्व/अवसर पर प्रस्तुत करने में सुविधा हो।
*** राजीव रंजन प्रसाद
मैं राजीव जी से सहमत हूँ।
ऋषिकेश जी,
बहुत अच्छे..
बधाई
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