इन्द्रधनुश के सात रंग
बे जा नी ह पी ना ला |
सात रंगो की ये माला ||
बेंगन बेंगनी बे बताये ||
जा जामुनी जामुन खाये
नी से है आकाश नीला |
ह से हरा धनिया-पुदिना |
पी, निंबू का रंग पीला |
ना , नारंगी है रसीला |
आग है लाल,ला बताये |
चलो हम सबको सिखाये ||
ना भूलना रंगो की माला |
बे जा नी ह पी ना ला ||
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11 पाठकों का कहना है :
"इन्द्रधनुश के सात रंग" याद कराने के लिए अच्छी कविता है । बधाई ।
मेरे ख्याल से 'बेंगन बेंगनी' की जगह 'बैंगन बैंगनी' और 'पुदिना' की जगह 'पुदीना' होना चहिए । कृपया एक बार जाँच लें ।
- सीमा कुमार
बहुत सुन्दर रचना है, इन्द्रधनुष से या कि सात रंगों से बच्चे इस सुन्दरता से परिचित्य हो कर बहुत प्रसन्न होंगे।
इन्द्रधनुष का चित्र भी साथ ही लगाते तो रचना सुन्दर लगती। सीमा जी द्वारा इंगित त्रुटियाँ सुधार लीजिये।
प्रभावशाली रचना।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बैं) बैंगनी
नी) नीला
आ) आसमानी
ह) हरा
पी) पीला
ना) नारंगी
ला) लाल
बैंनीआहपीनाला हाँ जी बैंनीआहपीनाला
इन्द्रधनुष की....
इन्द्रधनुष की प्यारी प्यारी
ये सतरंगी माला...
बैंनीआहपीनाला हाँ बैंनीआहपीनाला
ऋषिकेश जी अपकी कविता
करती रहे उजाला..
बैंनीआहपीनाला हाँ बैंनीआहपीनाला
-साधूवाद स्वीकार करें
indradhanush ki tarah aapki kavita bhi bahut sunder hai....
ऋषिकेश जी,
बाल-उद्यान के सभी साहित्यकारों की जिम्मेदारी है कि वो मात्रा, व्याकरण की गलतियाँ कम करें, क्योंकि आप बाल-पाठकों को केन्द्र में रखकर सृजन-कार्य कर रहे हैं। बड़े आपकी गलतियों को सही करके पढ़ेंगे, मगर बच्चे ये गलत जानकारियाँ ही अपना लेंगे।
बेंगन बेंगनी- बैंगन बैंगनी
पुदिना- पुदीना
निंबू- नींबू
’रूह’ जी!
बचपन में हमने भी इसी तरह इन्द्रधनुष के रंगों का क्रम याद किया था. आज एक बार फिर आपने याद ताजा कर दी.
सुंदर और ज्ञानवर्धक कविता के लिये बधाई!
ऋषिकेश जी
बहुत अच्छी कविता परंतु इन्द्रधनुष का चित्र इसमें चार चाँद लग जाते पर सीमा जी द्वारा इंगित त्रुटियाँ सुधार लीजिये।
बहुत सुंदर रंग-बिरंगी कविता अच्छी लगी बधाई!
खेल खेल में आपकी कविता के माध्यम सभी रंगों को आसानी से समझा और याद रखा जा सकता है.
कविता अच्छी है बस एक सुन्दर सा चित्र लगा दिजिये बच्चो को मज़ा आयेगा पढ़ने में...
शानू
ऋषिकेश जी,
एक अच्छी कविता
बधाई!
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