होली-कथा-काव्य - होलिका और प्रह्लाद
एक बार दानव था एक
करता रहता पाप अनेक
हिरणाक्शप था उसका नाम
स्वयं को समझे वो भगवान्
करता सब पर अत्याचार
देता निर्दोषों को मार
कहता बस मेरी हो पूजा
बिन मेरे ईश्वर न दूजा
जो भी उसका करता विरोध
ले लेता उससे प्रतिशोध
पर उसकी अपनी औलाद
नाम था जिसका भक्त प्रह्लाद
वही पिता को प्रभु न माने
एक नारायण को ही जाने
हिरणाक्शप ने बहुत समझाया
पर सुत को समझा न पाया
पर्वत की चोटी से गिराया
नागों के मध्य ठहराया
फिर भी सुत को मार न पाया
तो अपनी बहना को बुलाया
मिला था जिसको यह वरदान
अग्नि न ले सकेगी जान
जो वो अकेले ही जाएगी
आग भी नहीं जला पाएगी
पा वरदान हुई अभिमानी
बात भाई की उसने मानी
रहा न ठीक से वर भी याद
गोदि में ले लिया प्रहलाद
चली गई वो आग के अंदर
था प्रह्लाद के लिए वो मन्दिर
नारायण का लेता नाम
नहीं और कोई उसको काम
अग्नि भी उसे जला न पाई
पर होलिका की जान पे आई
भस्म हुई वह आग में जलकर
बचा प्रह्लाद नारायण जप कर
सत्य बचा और पाप जलाया
तब से होली दिवस मनाया
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होली के पावन पर्व की आप सबको बधाई एवम शुभ-कामनाएं
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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5 पाठकों का कहना है :
होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।
वाह! सीमा जी आप कितनी आसानी से कथा को काव्य बना देती है!मेरे बेटे को भी पढ़कर बहुत अच्छा लगा!लिखती रहिये बधाई!
होली की सभी को बहुत-बहुत बधाई!
होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।
regards
सीमा जी! होलिका की पारंपरिक कथा की पद्यात्मक प्रस्तुति बाल पाठकों को रुचिकर लगेगी. आपका प्रयास सराहनीय है.
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