आओ राखी मनायें
 छोटी सी बहना थी एक
छोटी सी बहना थी एक
और था प्यारा सा इक भाई
बड़े प्यार से दोनों ने,
इस वर्ष भी देखो राखी मनाई ।
सुबह-सुबह उठ कर बहना ने,
प्यार से भैय्या को था जगाया,
रूठे हुए भैय्या को ,
बड़े जतन से उसने मनाया।
हौले-हौले थपकी दे कर,
आलस से उसको था उठाया,
 फिर जबरन बहना ने उसको,
नहा कर आने को था मनाया।
बड़ी शान से भैय्या जी फिर,
नहा-धो कर थे निकले बाहर,
अच्छे-अच्छे कपड़े पहने,
इत्र लगा कर किया शृंगार,
बहना ने भैय्या की खातिर,
आरती का था थाल सजाया।
चावल-रोली थाल में रख कर,
मौली को था राखी बनाया,
भूल कर सारे झगड़े उसने,
तिलक था माथे पर लगवाया।
बहना ने फिर राखी बाँधी,
बाद में उसकी आरती उतारी,
ईश्वर से हूँ कामना करती,
लम्बी हो बस ये उमर तुम्हारी।
भैय्या ने भी बहना को फिर,
दिया प्यारा सा उपहार,
बहना बोली कुछ न चाहूँ,
माँगती हूँ बस तेरा प्यार।
तुम भी मिल कर राखी मनाओ,
झगड़े-टंटे सब बिसराओ,
प्यार से भाई-बहना मिल कर,
सारी उम्र खुशी से बिताओ ।
- डा॰ अनिल चड्डा
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
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कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
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कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
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क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
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तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
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 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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7 पाठकों का कहना है :
घर से दूर रहकर अच्छी लगी आपकी कविता..सबको रक्षाबंधन की शुभकामनाएं...
रक्षाबंधन पर शुभकामनाएँ! विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
आप सभी को व संसार के सभी भाई-बहनों को इस पावन दिवस पर मेरी तमाम शुभ कामनाएं.
विश्व के सभी भाई -बहनों को रक्षाबंधन की बधाई . बाल कविता पढ़ कर बचपन याद आ
गया .कविता और फोटो सार्थक हैं , बधाई .
इस कविता को पढ़ना बहुत अच्छा लगा
इस पावन त्यौहार पे सब को बधाई
Bahut pyari Poem..happy Rakshabandhan.
पाखी की दुनिया में देखें-मेरी बोटिंग-ट्रिप
चड्डा जी आपकी कविता में बहुत स्नेह है.
भैय्या ने भी बहना को फिर,
दिया प्यारा सा उपहार,
बहना बोली कुछ न चाहूँ,
माँगती हूँ बस तेरा प्यार।
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