आओ करें भारत की सैर - धौली, भुवनेश्वर
आओ करें भारत के कुछ विभिन्न हिस्सों की सैर आज चलते हैं धौली, भुवनेश्वर यहाँ कुछ तस्वीरें हैं जो मैंने वहाँ अपने सैर के दौरान ली थी
भुवनेश्वर भारत के पूर्व में स्थित उड़ीसा राज्य की राजधानी है। प्राचीन काल में यह कलिंग के नाम से जाना जाता था। यह बहुत ही खूबसूरत और हरा-भरा प्रदेश है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यह जगह इतिहास में भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में यहीं प्रसिद्ध कलिंग युद्ध हुआ था। इसी युद्ध के परिणामस्वरुप अशोक एक लड़ाकू योद्धा से प्रसिद्ध बौद्ध अनुयायी के रुप में परिणत हो गया था।
भुवनेश्वर को पूर्व का काशी भी कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यह एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल भी रहा है। प्राचीन काल में 1000 वर्षों तक बौद्ध धर्म यहां फलता-फूलता रहा है। बौद्ध धर्म की तरह जैनों के लिए भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है। प्रथम शताब्दी में यहां चेदी वंश का एक प्रसिद्ध जैन राजा खारवेल' हुआ था। इसी तरह सातवीं शताब्दी में यहां प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ था। इस प्रकार भुवनेश्वर वर्तमान में एक बहुसांस्कृतिक शहर है।
धौली
धौली भुवनेश्वर के दक्षिण में राजमार्ग संख्या 203 पर स्थित है। यह वही स्थान है जहां अशोक कलिंग युद्ध के बाद पश्चात्ताप की अग्नि में जला था। इसी के बाद उसने बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया और जीवन भर अहिंसा के संदेश का प्रचार प्रसार किया। अशोक के प्रसिद्ध पत्थर स्तंभों में एक यहीं है। इस स्तंभ (257 ई.पू.) में अशोक के जीवन दर्शन का वर्णन किया गया है। यहां का शांति स्तूप भी घूमने लायक है जो कि धौली पहाड़ी के चोटी पर बना हुआ है। इस स्तूप में भगवान बुद्ध की मूर्त्ति तथा उनके जीवन से संबंधित विभिन्न घटनाओं की मूर्त्तियां स्थापित है। इस स्तूप से 'दया नदी' का विहंगम नजारा दिखता है।

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2 पाठकों का कहना है :
is ko agar parikshaaon ke baad laate to jyaada uchit hota ,abhi bachche to kya abhibhavak bhi ghumne ke mood me nahi hain .chuttiyon me ghumenge pakka seema ji
main is baar yeh jagah jana pasand karunga
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