तितली

रंग बिरंगी तितली
उड़ती फिरती तितली
इस फूल से उस फूल
संग हवा के झूमती.
कितना निर्मल जीवन
कितना पावन जीवन
खुशियों की ले सौगात
महका बहका जीवन.
जीवन हर्षित करती
स्वर्ग बने यह धरती
बाग में जैसे तितली
उन्मुक्त हवा में उड़ती.
विकार रहें सब दूर
चित्त निर्मल भरपूर
दुख गम से अनजान
चेहरे पर छाये नूर.
कुलवंत सिंह

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
4 पाठकों का कहना है :
बहुत सुंदर तितली का सृजन किया है आपने। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आपकी कविता भी खूब सुंदर है. इसने मुझे बचपन में फूलों की क्यारी पर उड़ती हुई तमाम तरह की तितलियों की याद दिला दी. और जिन्हें हमेशा हाथों से पकड़ कर छूने की कोशिश रहती थी.
Bahut hi sundar rachna...
विकार रहें सब दूर
चित्त निर्मल भरपूर
दुख गम से अनजान
चेहरे पर छाये नूर.
aasaan shabdon me sundar rachna kulwant ji.
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)