Wednesday, October 14, 2009

दिये जले सबके दिल में



जलते हैं दिए राह में,
      करने को उजियारा
प्रकाश की हुयी जय,
      और पराजित हुआ अँधियारा

प्यार का तेल और,
      सौहाद्र की बाती
जले सबके दिल में और,
      महके मन का गलियारा

अब आँख में चमक हो,
      और मन हो तम से दूर
फिर से हृदय में प्रेम का,
      रुधिर बहे सारा

इस दीवाली के अवसर पर,
      दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
      संगम हो प्यारा-प्यारा

--दीपाली पंत तिवारी


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7 पाठकों का कहना है :

neelam का कहना है कि -

इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा

बहुत प्यारी कविता सरल शब्दों में सुन्दर अनभूति दिवाली मंगलमय हो

डॉ० अनिल चड्डा का कहना है कि -

वाह क्या बात है -

"प्रकाश की हुयी जय
और पराजित हुआ अँधियारा"
बहुत खूब !

संगीता पुरी का कहना है कि -

इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा
बहुत बढिया संदेश !!

रश्मि प्रभा... का कहना है कि -

आमीन

Manju Gupta का कहना है कि -

वाह !सुंदर कविता .

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

बड़ी प्यारी सी दीवाली पर रचना है. बधाई!

Shamikh Faraz का कहना है कि -

इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा

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