दिये जले सबके दिल में
जलते हैं दिए राह में,
करने को उजियारा
प्रकाश की हुयी जय,
और पराजित हुआ अँधियारा
प्यार का तेल और,
सौहाद्र की बाती
जले सबके दिल में और,
महके मन का गलियारा
अब आँख में चमक हो,
और मन हो तम से दूर
फिर से हृदय में प्रेम का,
रुधिर बहे सारा
इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा
--दीपाली पंत तिवारी
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7 पाठकों का कहना है :
इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा
बहुत प्यारी कविता सरल शब्दों में सुन्दर अनभूति दिवाली मंगलमय हो
वाह क्या बात है -
"प्रकाश की हुयी जय
और पराजित हुआ अँधियारा"
बहुत खूब !
इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा
बहुत बढिया संदेश !!
आमीन
वाह !सुंदर कविता .
बड़ी प्यारी सी दीवाली पर रचना है. बधाई!
इस दीवाली के अवसर पर,
दिए हों अमिट अविरल
हर्ष और उल्लास का,
संगम हो प्यारा-प्यारा
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