दो एकम् दो, दो दुनी चार, जल्दी से आ जाता फिर से सोमवार
सुनिए नीलम मिश्रा की आवाज में अनिल चड्डा की सीख इन पहाडों के माध्यम से और दीजिये अपनी बहुमूल्य
पर सच्ची टिप्पणी कि आपको यह छोटा सा प्रयास कैसा लगा?
दो का पहाड़ा
तीन का पहाड़ा
चार का पहाड़ा
चित्र आधारित बाल कविता लेखन प्रतियोगितासुनिए नीलम मिश्रा की आवाज में अनिल चड्डा की सीख इन पहाडों के माध्यम से और दीजिये अपनी बहुमूल्य
पर सच्ची टिप्पणी कि आपको यह छोटा सा प्रयास कैसा लगा?
दो का पहाड़ा
तीन का पहाड़ा
चार का पहाड़ा
Posted by नियंत्रक । Admin at 11:59 AM
Labels: 2, 3, 4, Anil Chadda, neelam mishra, podcast, table
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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4 पाठकों का कहना है :
वाह! वाह! नीलम जी आपकी यह नयी हरकत......अरे नहीं, नहीं फिर मुझसे गलती हो गयी कहने में .....
मेरा मतलब है की यह एक नया प्रयोग जो अनिल जी के पहाडे रट कर गाने का आपने चालू किया है मुझे बड़ा भाया. सिलसिला जारी रखियेगा ( हुक्म की तामील....यानी कदर की जाये ). Hahhhhhhh.
hahahahaha..bahut achcha laga....
नीलमजी,
आपकी आवाज में पहाड़े सुन कर बहुत ही अच्छा लगा । सच में बहुत ही अच्छे बन पड़े हैं ।मेरी रचनाओं को आवाज देने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
यदि आप कहें तो मैं एक और बाल गीत आपको भेजना चाहूँगा जिसे आप अपना स्वर दें सकें ।
awashya
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