Monday, March 3, 2008

लक्ष्य

लक्ष्य लिए, मन मे संजोए,
बढ रहे हैं मार्ग पर ।
ओ विधाता साथ देना,
चल रहें हैं मार्ग पर ।।
है अलक्षित-सी ,धुमिल-सी ,
एक छवि इस लक्ष्य की।
पर है अंजानी डगर यह ,
है नई-सी राह की ।
लौ दीए की झिलमिलाती ,
साथ देना मार्ग पर।
कल्पनाएँ हैं बहुत-सी ,
स्वप्न भी अनगिनत-से।
है कटु यथार्थ लेकिन,
शीश ये नत विनत है ।
कर्म हम करते निरंतर,
पर अशंकित भाग्य पर ।
ओ विधाता साथ देना,
चल रहें हैं मार्ग पर ।
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अलंकृति शर्मा
आठवीं आठवीं-अ
केन्द्रीय विद्यालय बचेली,(बस्तर)


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11 पाठकों का कहना है :

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

बहुत प्यारी कविता है खास कर ये पंक्तियां तो बहुत ही सुन्दर हैं-
"कल्पनाएँ हैं बहुत-सी ,
स्वप्न भी अनगिनत-से।
है कटु यथार्थ लेकिन,
शीश ये नत विनत है ।"
कविता का प्रवाह और शब्दों का चयन लाजवाब है। इस प्यारी सी कविता के लिए मेरी ओर से ढेर सारी बधाईयाँ।

Kavi Kulwant का कहना है कि -

बहुत ही खूबसूरत...अलंकृत !

seema sachdeva का कहना है कि -

अलकृति शर्मा ,बहुत प्यारी है आपकी कविता |बहुत -बहुत बधाई....सीम सचदेव

Anonymous का कहना है कि -

alankrit babu,bahut achhe,bahut hi pyari kavita,
saprem
alok singh "sahil"

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

रचना सुंदर है |
निरंतर लिखते रहिये |


अवनीश तिवारी

रंजू भाटिया का कहना है कि -

अलंकृति आपने बहुत सुंदर रचना लिखी है .बधाई !!

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

कविता अलंकृति सच में अलंकृत
मन-वीना पढकर हुई झंकृत
लिखती रहो अविराम अनावृत
चाहे भले हो मार्ग विस्तृत
श्रंग पाओगी सहज ही
बाधाओं से ना होना विचलित

बहुत ही प्रभावी कविता अलकृति अनेकानेक शुभकामनायें..

SahityaShilpi का कहना है कि -

वाह अलंकृति! बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने. आप यूँ ही लिखते रहें और अपने कर्तव्य-मार्ग पर अविरत चलते रहें. विधाता सच्चे कर्मवीरों का साथ अवश्य देता है.
कविता के लिये बधाई और आपके भावी जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें!

विश्व दीपक का कहना है कि -

बहुत हीं उत्साहवर्धक एवं खूबसूरत रचना लिखी है तुमने अलंकृति। यूँ हीं लिखते रहो। लक्ष्य ज्यादा दूर नहीं है।

-विश्व दीपक ’तन्हा’

Alok Shankar का कहना है कि -

alankriti
tumhare naam ke hi anusar
kavita bhi alankrit hai
keep it up

anju का कहना है कि -

अलंकृति मेरे पास शब्द नही है
तुम बहुत बहुत अच्छा लिखती हो

लक्ष्य लिए, मन मे संजोए,
बढ रहे हैं मार्ग पर ।
ओ विधाता साथ देना,
चल रहें हैं मार्ग पर
बहुत अच्छी वंदना

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