परियों की शहजादी
मैं शहज़ादी परियों की हूँ
आसमान में मेरा घर
राहों में मेरी बिछे सितारे
मेरा पता है चाँद नगर
मैं कलियों सी सुन्दर कोमल
चाहूँ जहाँ पे जाती हूँ
हवा के संग में बातें करती
नीलगगन में उड़ती हूँ
हरी भरी धरती को देखूँ
आसमान में बादल को
देखूँ नदियाँ झरने पर्वत
और पेड़ों की हलचल को
कुदरत का संगीत मैं सुनती
देखूँ इसकी सुन्दरता
फूलों से खुशबू लेती हूँ
और भँवरों से चंचलता
नन्हे बच्चे मुझको भाते
और भाता है भोलापन
न दुनियादारी न झँझट
कितना प्यारा यह बचपन
मन में मैल नहीं बच्चों के
न ही कुछ खोने का डर
राहों में मेरी बिछे सितारे
मेरा पता है चाँद नगर
-सीमा सचदेव, बंगलूरु
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6 पाठकों का कहना है :
परियों की शहजादी से इस कविता के द्वारा मिलना बहुत अच्छा लगा :)
अति सुन्दर रचना
अति सुंदर सीमा जी
मन में मैल नहीं बच्चों के
न ही कुछ खोने का डर
राहों में मेरी बिछे सितारे
मेरा पता है चाँद नगर
अच्छा बाल गीत है
बच्चे ऐसा पसंद करते हैं
- बहुत सुन्दर कविता है बाल-मन की परख है आपको.. आपकी कविता पढ़ अपुन का बाल-मन जाग गया - ही ही ही..
कौन है परियों की शहजादी
मुझको करनी है बस शादी
पढ़ाई वढ़ाई से मैं थक गया हूँ
रोज के स्कूल से पक गया हूँ
मेरा सेहरा तय कर आओ
जल्दी से बारात सजाओ
मुझे देर बिलकुल नहीं करनी
मैं बरना वो होगी बरनी
Ranju ji ,Dr.Anil ji aur Anju ji aapko baal geet pasand aaya aur saarthak tippani ke liye dhanyavaad . Bhupendra ji aapko yah geet itana pasand aaya ki shaadi karane ka man banaa liya ,achcha vichaar hai aapka ,chalo is shaadi me ham sab baaraati honge ,ham milvaate hai aapko aisi hi raajkumaari se ,thoda sa intzaar keejiye , ham agali kahaani aapki barani mera matalab ek raajkumaari ki bhej rahe hai , aanaa jaroor, he,he ,he.....seema sachdev
कविता में ही सही, पर परियों की शहजादी से मिल कर अच्छा लगा।
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