बदला मेरा हिस्साब
खत्म हो गई आखिरी परीक्षा
आने वाली थी सातवीं कक्षा
नतीज़ा पता करने का दिन आया
अध्यापक ने माँ को बुलाया
जैसे ही माँ स्कूल में आई
अध्यापक ने एक अच्छी ख़बर बताई
वो बोली आपका बेटा हुआ हैं पास
सुनिए एक और ख़बर जो हैं बहुत खास
इस बालक ने पार कर लिया हैं
छठीं कक्षा का माध्यम
और अच्छे अंक से यह आया हैं
हर क्षेत्र में प्रथम
जैसे ही अध्यापक ने यह बतलाया
वैसे ही खुशी के मारे मैं चिल्लाया
घर आते ही मैंने फ़ोन उठाया
बुआ, नानी, मासी का नम्बर लगाया
शाम ही , सब तोहफे ले कर
घर पर आये
पर हाय रे, सब तोहफे मैंने
एक से हैं पाए
मैं सोच रहा था, मिलेंगे खिल्लोँ
सब में थीं बस किताब ही किताब
और पढ़-पढ़ के बदला मेरा हिस्साब
बाल कवि- राघव शर्मा

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6 पाठकों का कहना है :
वाह राघव बेटा!
बुरे फँसे ना। किताबों से परहेज़ मत करो । हाँ कुछ दिन खेलो-कूदो फिर उनको पढ़ो। सस्नेह
haaji Raajhav ,
pratham aane par bahut-bahut badhaai , aur haa kitaabe bhi padhana aur khoob masti bhi karna ,par aisi pyaari -payaari kavitaayen likhana nahi bhoolana , ham aapki aur kavitaayen bhi padhana chaahege.Shubhasheesh.....seema sachdev
बहुत बढिया
badhayi pratham aane ki
सही हिसाब, सही किताब
मंजिल तक ले जाए जनाब
राघव,
तुमने इस बार निराश किया। कुछ खास नहीं लिखा तुमने। बिलकुल मज़ा नहीं आया
राघव जी,बढ़िया है,लगे रहिए
आलोक सिंह "साहील"
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