Thursday, March 6, 2008

हर हर महादेव...




"गौरीपति कामारि शिव भूतनाथ गिरिजेश
शंकर भव कैलाशपति महादेव रुद्रेश"
~-:0:-~

जय जय शम्भु जय महाज्ञानी, जय शंकर त्रिपुरारी
हम बालक अज्ञानी....
हम बालक अज्ञानी शम्भु, विपदा हरो हमारी
विपदा हरो हमारी भोले, रक्षा करो हमारी
जय शम्भु.....................

नहीं नीर है नहीं क्षीर है,
नहीं नीर है नहीं क्षीर है, नहीं बेल-पत्र है
आँखों में खारा पानी है और उर में हर हर है
हम सक्षम नहीं भोग लगायें..
हम सक्षम नहीं भोग लगायें, समझो प्रभु लाचारी
जय........................

नहीं चाहिये गंगा जी सा,
नहीं चाहिये गंगा जी सा, केशों में उलझाओ
नहीं चाहिये हमें मयंक सम मस्तक आप सजाओ
अपने चरणों में गिरिवासी..
अपने चरणों में गिरिवासी, रखलो जगह हमारी
जय........................

आप ही कर्ता आप ही हर्ता,
आप ही कर्ता आप ही हर्ता,आप ही जग पालक हैं
कृपादृष्टि बनाये रखना, हम पर हम बालक हैं
नहीं जानते विधि पूजा की..
नहीं जानते विधि पूजा की, हम नादान पुजारी
जय........................

भक्तों के दुःख दूर किये हैं,
भक्तों के दुःख दूर किये हैं, तरह तरह से आकर
बने केसरी भक्तों के हित, लंका रखी जलाकर
तारकासुर को मारा भोले..
तारकासुर को मारा भोले, हे भव भय दुःख हारी
जय........................

दूर करो त्रिशूल घुमाकर,
दूर करो त्रिशूल घुमाकर, शूल सभी जीवन के
हे नीलकण्ठ विष पी लो फिर से मानव अंतर्मन के
हे महादेव देवादिदेव हे..
हे महादेव देवादिदेव हे, अंग भभूति धारी
जय........................


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8 पाठकों का कहना है :

seema sachdeva का कहना है कि -

भुपेन्द्र जि महाशिवरत्रि के शुभ अवसर पर ऐसी कविता के लिए बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकार करे...सीमा

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

दूर करो त्रिशूल घुमाकर,
दूर करो त्रिशूल घुमाकर, शूल सभी जीवन के
हे नीलकण्ठ विष पी लो फिर से मानव अंतर्मन के


-- पभु हमारी प्रार्थना स्वीकारें |

ऐसी प्रार्थना को लिखने और बाटने के लिए धन्यवाद, मंगल कामनाएं |

अवनीश तिवारी

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत सुंदर... आज के दिन को सार्थक कर दिया आपने राघव जी !!महाशिवरत्रि की शुभकामनाए!!

Anonymous का कहना है कि -

महाशिवरात्रि पर इससे खास और क्या हो सकता है,बधाई
आलोक सिंह "साहिल"

seema gupta का कहना है कि -

"महाशिवरत्रि के शुभ अवसर पर ऐसी कविता के लिए बधाई"

Regards

विश्व दीपक का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी,
महाशिवरात्रि पर आपकी रचना को पढकर ऎसा लगा मानो मेरे साथ पूरा जगत प्रभु की वंदना में लीन है।बहुत हीं प्रभावकारी रचना है। इसे गाया जाए तो और भी असरकारी होगा।

बधाई स्वीकारें।

-विश्व दीपक ’तन्हा’

Alok Shankar का कहना है कि -

raghav ji
bachcho ko yah kavita samajh me aayegi ? ;) shabdarth likh dete to jyada achcha tha
ek stariya kavita

anju का कहना है कि -

भूपेंद्र जी
आपकी शिव वंदना अवश्य ही शिव जी भगवान् को पसंद आएगी
और जो भी इसे पढेगा उसकी मन्नत जरुर पुरी होगी
बच्चे भी इससे प्रभावित होंगे

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