आ गयी होली प्यारी प्यारी
आ गयी होली प्यारी प्यारी
सबने ली होगी पिचकारी
लेकिन कुछ बातों को बच्चो
ध्यान से सुनना आज हमारी
तेज रंग कैमिकल वाले
पिचकारी में कोई ना डाले
इनसे होता है नुकसान
जले त्वचा और पड़े निशान
और अगर भरकर गुब्बारे
हमने एक-दूजे पर मारे
चोट लगा सकते हैं ये सब
इस्तेमाल ना इनका हो अब
टेसू पलाश और फूलों के रंग
जमकर खेलो होली संग-संग
प्रेम से सबको गले लगाना
मिठाई बाँटकर पर्व मनाना
क्या छोटा क्या बड़ा सभी का
प्रेम भाव से करना टीका
ऊँच नीच का भेद मिटाना
ही असली त्योहार मनाना
शुभ-होली...
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9 पाठकों का कहना है :
bhupendar ji holi ke shubh avasar par aapki kavita sachmuch rang birangi chata bikher rahi hai aur seekh bhi badi achchi hai ,bachcho ko hi kyo ,bade bhi to rango ka istemaal jee bhar ke karte hai ,ham sabko samjhana chaahiye. HAAPY HOLI .....Seema Sachdev
तेज रंग कैमिकल वाले
पिचकारी में कोई ना डाले
इनसे होता है नुकसान
जले त्वचा और पड़े निशान
बच्चों को न केवल होली की बधाई बल्कि सही सीख भी साथ दे रही है आप की कविता.
सुंदर रंग -बिरंगी कविता.
वाह राघव जी!
खूब अच्छी शिक्षा दी । होली की शुभकामनाएँ ।
शुभ विचार हैं। होली पर इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, तभी हम होली का सही आनन्द ले सकते हैं।
शिक्षाप्रद..होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ.
तेज रंग कैमिकल वाले
पिचकारी में कोई ना डाले
इनसे होता है नुकसान
जले त्वचा और पड़े निशान
सही में राघव जी बिल्कुल ठीक कहा आपने
बच्चो को इससे अवगत कराने के साथ साथ प्यार से मनाने की शिक्षा भी देती है आपकी कविता
बहुत बडिया
होली के रंगों मे डूबी एक संदेशात्मक और शिक्षाप्रद
रचना है बधाई हो राघव जी
होली की बधाई .बहुत ही सुंदर शिक्षा देती हुई कविता है राघव जी यह !!
बहुत सुन्दर भाव हैं।
"क्या छोटा क्या बड़ा सभी का
प्रेम भाव से करना टीका
ऊँच नीच का भेद मिटाना
ही असली त्योहार मनाना"
बहुत-बहुत बधाई।
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