महीनों के नाम
जनवरी, फ़रवरी , मार्च , अप्रैल , मई ,जून और जुलाई आशा है आप सबने इन सभी महीनों के नाम अच्छे से याद कर लिए होंगे । अब आगे के पांच महीनों के नाम और संक्षिप्त जानकारी दे रही हूं ।
अब आया है मास अगस्त
कुदरत भी अब हो गई मस्त
नभ मे छा गए बादल काले
उमड-घुमड घूमे मतवाले
आ गया अब लो मास सितम्बर
भर-भर गया बादल से अम्बर
वर्षा आई,खुशिया लाई
धरा पे अब हरियाली छाई
अक्तूबर का आया मास
क्यो रहे फिर कोई उदास
आए द्शहरा और दीवाली
सबके हाथ मिठाई की थाली
आया बच्चो मास नवम्बर
नही बैठना कोई घर पर
लगाओ पूरा पढने मे मन
आगे है सर्दी का मौसम
दिसम्बर साल का आखिरी मास
पर न होना कोई उदास
इसके बाद नया साल आए
चलो हम भी कुछ नियम बनाएँ
आशा है आप सब लोग अच्छे से याद कर लेंगे ।
आपकी
सीमा सचदेव

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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पाठक का कहना है :
दिसम्बर के लिए कुछ और बनातीं। दिसम्बर केवल साल का आखिरी महीना भर नहीं हैं, और भी बहुत-कुछ है।
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