Thursday, January 31, 2008

आप भी जानिये...

प्रिय बाल - गोपालों, इस बार कुछ रोचक जानकारियाँ लेकर हाज़िर हुआ हूँ.. आप भी जानिये..
----------- ------------------------------------------------------


* स्टेचू आफ लिबर्टी की तर्जनी उंगली (Index Finger)आठ फीट लम्बी है..

* चिली के ऍटाकामा रेगिस्तान के कुछ हिस्से में कभी भी बरिश नहीं हुई...

* एक 75 साल की आयु वाला इंसान लगभग 23 साल सोने में बिताता है...

* एक बोइंग 747 के पंखों की लम्बाई Wright brother's द्वारा बनाये
गये सम्पूर्ण विमान से भी ज्यादा होती है...

* पृथ्वी पर लगभग जितने मानव हैं लगभग उतने ही मुर्गे मुर्गियां हैं.. .

* अंग्रेजी भाषा का सेट (set) शब्द की सबसे ज्यादा परिभाषायें हैं...

* शार्क मछली 100 साल तक जिन्दा रह सकती है...

* मच्छर अन्य रंगों की अपेक्षाकृत नीले रंग की तरफ ज्यादा खिंचता है...

* कंगारू उल्टे (backwards) नहीं चल सकते...

* प्रतिदिन अमेरिका में लगभग 75 एकड़ (75 acres) पीजा खाया जाता है...


Tuesday, January 29, 2008

मुन्ना तू काहे घबराए

मुन्ना तू काहे घबराए
कर हिम्मत सब कुछ हो जाए

नन्ही चिड़िया गगन में उड़ती
मीलों मीलों यात्रा करती
अपने लक्ष्य में दृष्टी रखती
तभी न थकती उड़ती चलती
क़्यों सोच में समय बिताए
मुन्ना तू काहे घबराए

तिनका लाए तिनका जोड़
जोड़ जोड़ घरौंदा बनाए
आँधी गरमी तूफाँ आए
हर मुश्किल से टकरा जाए
अपनी मेहनत का सुख पाए
मुन्ना तू काहे घबराए

ऊँची डगरिया नहीं सहारा
नीलगगन में कहाँ बसेरा
कन कन चुग के दाना लाए
आधी अधूरी भूख मिटाए
झूम झूम डाली पे गाए
मुन्ना तू काहे घबराए

पँखों से बली हाथ तुम्हारे
अमिट बल बुद्धि है पास तुम्हारे
आशीष बड़ों का साथ तुम्हारे
उनके अरमाँ तेरे सहारे
क्योँ तू इतना समझ ना पाए
मुन्ना तू काहे घबराए

तेरा जीवन अनमोल कहानी
धूप छाँव की डगर सुहानी
आत्म विश्वास से बढ़ते जाना
कभी ना पीछे कदम हटाना
तेरी मेहनत व्यर्थ न जाए
मुन्ना तू काहे घबराए

सुषमा गर्ग
29.01.08


बूझो तो जाने ,दो इन सवालों के जवाब तो माने ::)

१)विश्व् का सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है ...

२) संगीतकार ए .आर. रहमान में ए .आ का क्या मतलब है ...

३ )वह कौन सी जगह है जहाँ दिन में भी तारें दिखायी देते हैं

४) शतरंज खेल की शुरुआत किस देश में हुई थी ..

५) मुम्बई के निकट तारापुर क्यों प्रसिद्ध है ?

६) विश्खापत्तनम किस प्रदेश में है ..

७) पोरबंदर का कोई अन्य नाम बताओ

८ )माचिस की डिब्बी पर ऐसा क्या लगाया जाता है जो जलने में मदद करता है ..


९ )विश्व का एक ऐसा राष्ट्रीय ध्वज भी है जिस पर उस देश का मानचित्र अंकित है ...




क्या सूझे आपको इनके जवाब ....नही .??.चलिए हम बताते हैं आपको ..:)

१ ग्रीन लैंड , २ अल्ला राखा ३ , अन्तरिक्ष ४ भारत में , ५ वहाँ परमाणु उर्जा सयंत्र स्थापित है ६ आंध्र प्रदेश मे ७ सुदामापुरी ८ लाल फास्फोरस ९ केमरून


Monday, January 28, 2008

क्या आप जानते हैं

भारत की प्रथम महिलाएँ
1. दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाली प्रथम शासक- रजिया सुलतान
2. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष- ऐनी बेसेंट
3. संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा की अध्यक्ष- विजय लक्ष्मी पंडित
4. प्रथम महिला उपन्यासकार – स्वर्ण कुमारी देवी
5. प्रथम महिला क्रांतिकारी – भीखाई जी कामा
6. प्रथम महिला खिलाडी – मेरी डिसूजा और नीलिमा घोष
7. प्रथम महिला राज्यपाल – सरोजनी नायडू
8. इंग्लिश चैनल को पार करने वाली प्रथम महिला – आरती शाह
9. प्रथम महिला मेयर – अरूणा आसफ अली
10.प्रथम महिला मुख्यमंत्री – सुचेता क़ृपलानी
11.प्रथम व्यापारिक महिला पायलट – हरप्रीत अहलूवालिया
12.प्रथम महिला प्रधानमंत्री – इंदिरा गाँधी
13.प्रथम महिला आई.ए.एस.- अन्ना राघव जार्ज
14.प्रथम महिला आई.पी.एस.- किरण बेदी
15.प्रथम महिला मांउण्ट ऐवरेस्ट विजेता- बछेन्द्री पाल
16.प्रथम महिला नोबल पुरस्कार विजेता- मदर टेरेसा
17.प्रथम महिला विधान सभा अध्यक्ष- शन्नो देवी
18.प्रथम महिला दादा साहब पुरस्कार विजेता- देविका रानी
19.प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री- कलप्ना चावला
20.प्रथम महिला ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता का नाम आप बताएँ ?
* अन्य जिनका नाम नही आ पाया, उनसे क्षमा याचना के साथ........
---------------*******************************--------------------
.
दस दिशाओं के नाम- ?
1.उत्तर 2.दक्षिण
3.पूर्व
4.पश्चिम
5.वायव्य कोण(उत्तर-पश्चिम कोण)
6.ईशान कोण (उत्तर-पूर्व कोण)
7.नैऋत्य कोण(दक्षिण-पश्चिम कोण)
8.आग्नेय कोण(दक्षिण-पूर्व कोण)
9.उर्ध्व (ऊपर)
10.अध: (नीचे)
---------------*************************-------------
गाँधी जी के बोल ------------
1. सत्य - सत्य ही ईश्वर है।
2..अहिंसा –अहिंसा निर्बल और डरपोक का नहीं,वीरों का धर्म है।
3.ईश्वर – ईश्वर प्रकाश है, अंधकार नही, वह प्रेम है, घृणा नही, वह सत्य है,
असत्य नही।
4.धर्म – धर्म भगवान तक पहुँचने का सेतु है, हमारा सबसे बडा धर्म आत्मा का
ज्ञान प्राप्त करना है।
5.प्रार्थना-प्रार्थना में असीम ताकत है। प्रार्थना याचना नही,आत्मा का पुकार है।
6.प्रेम -जहाँ प्रेम है, वहाँ परमात्मा है परंतु इसके लिए प्रेम का निश्छल, नि:स्वार्थ
होना आवश्यक है।
7.सत्याग्रह – विरोधी को कष्ट न देकर स्वयं कष्ट उठाकर सत्य की रक्षा करना।
8.विद्यार्थी - विद्यार्थी भविष्य की आशा हैं।
9. किसान – किसान वह है,जो मेहनत करता है,जो अपने को देश का पालनकर्ता
समझता है।
10.अस्पृश्य –अस्पृश्य वह है,जो झूठ बोले, पाखंड करे।
आपका मित्र :-
आशुतोष सिंह
कक्षा- पाँचवीं केन्द्रीय विद्यालय बचेली, दक्षिण बस्तर (छ.ग.)
------------------------************-----------------------------


अनाथालय में हुई बाल चित्रकला प्रतियोगिता


औरंगाबाद के शोभना शिक्षण संस्था नामक एक अनाथालय में हिंद-युग्म की ओर से पिछले सोमवार एक चित्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका पुरस्कार वितरण समारोह वृहस्पतिवार, २४ जनवरी २००८ को सम्पन्न हुआ।

शिवसेना प्रमुख श्री बाला साहेब ठाकरे जी के जन्म दिन के शुभ अवसर पर जिला प्रमुख श्री प्रदीप जयसवाल, शहर प्रमुख श्री अनिल पोलकर, शहर उप-प्रमुख श्री कमलाकर जगताप, जिला परिषद् अध्यक्ष श्री राजेन्द्र थोम्ब्रे, बाजार समिति उप सभापति मुरली तरवडे दादा, अन्ना चौधरी, वार्ड ई सभापति श्री दामु अन्ना शिंदे, स्वहक्क संपादक श्री सचिन गोविंदे, अविनाश तरवडे दादा एवं गंग्वे जैसे गणमान्य व्यक्तियों के बीच में हिंद-युग्म की कड़ी बाल उद्यान की चर्चा हुई, एवं उनके कर कमलों से पुरस्कार वितरण भी हुआ।



शोभना शिक्षण संस्था अध्यक्ष श्री रमेश सरपट ने तथा उपस्थित व्यक्तियों ने इस प्रयास को खूब सराहा ।

यह चित्रकला प्रतियोगिता ३ चरणों (३ विभागों) में कराई गई और हर चरण में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिये गये।

प्रथम विभाग की चित्रकला प्रतियोगिता पहली से चौथी कक्षा के छात्रों के मध्य कराई जिसमें विजेताओं का विवरण निम्न तरह से है-

प्रथम पुरस्कार- संजय मोकाले (कक्षा- ४वीं)


















द्वितीय पुरस्कार- कृष्णा तानपुते (कक्षा- ४वीं)



















तृतीय पुरस्कार- सागर नेकते (कक्षा- तीसरी)




















दूसरे विभाग की प्रतियोगिता कक्षा ५वीं से ७वीं के विद्यार्थियों के लिए आयोजित हुई। विजेताओं के नाम, चित्र और उनके द्वारा बनीं पेंटिंगों का अवलोकन करें-

प्रथम पुरस्कार- किरन हिवाले (कक्षा- ७वीं)



















द्वितीय पुरस्कार- संतोष झालते (कक्षा- ६वीं)



















तृतीय पुरस्कार- दीपक थोम्ब्रे (कक्षा- ५वीं)




















तीसरे विभाग की चित्रकला प्रतिस्पर्धा कक्षा ८वीं से १०वीं कक्षा के छात्रों के मध्य आयोजित हुई और दूसरे स्थान का पुरस्कार दो विद्यार्थियों को दिया गया।

प्रथम पुरस्कार- अनिकेत नागरे (कक्षा- ९वीं)


















द्वितीय पुरस्कार- गणेश काले (कक्षा- १०वीं)


















द्वितीय पुरस्कार- नितेश सूर्य नारायण (कक्षा- १०वीं)


















तृतीय पुरस्कार- घनश्याम झालते (कक्षा- १०वीं)











Sunday, January 27, 2008

बाल-उद्यान में चित्रकला आयोजन

बच्चों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार...कल 26 जनवरी के शुभ अवसर पर हमने एक बाल-उद्यान की तरफ़ से चित्रकला का आयोजन किया...बच्चों के साथ यह मेरा पहला अवसर था जब उनके अन्दर छिपे मनोभावों को कागज पर साकार रूप में देखने का स्वर्णिम अवसर मुझे प्राप्त हुआ...


यह आयोजन मै और एक अध्यापक जो बच्चों को कोचिंग देते है उनके सहयोग से हुआ...
आयोजन प्रारम्भ करते समय हमने सोचा था कि क्या हम सफ़लता से कर पायेंगे...क्योंकि हमारे पास न बैनर था न ही कोई और सहयोगी...मगर कुछ नन्हे मुन्नो ने मिलकर बैनर बनाया तो मेरी खुशी का पारावार न रहा... जरा देखिये हिन्द-युग्म बस गलत लिखा गया मगर यह बैनर साँतवी कक्षा के कुछ बच्चों ने मिलकर बनाया है...

जब हमने गुलाबी बाग के खूबसूरत बगीचे में डेरा जमाया तो कुछ और अध्यापक व अध्यापिकायें हमारे साथ शामिल हो गये जिनका सहयोग सचमुच सराहनीय था...और तो और वहाँ के कुछ वाशिन्दे भी हमारे सहयोग को आगे आ गये...छुट्टी की वजह से अच्छा-खासा भीड़-भड़क्का हो गया...

देखते-देखते हमारे पास कुल 50 बच्चों के नाम एकत्र हो गये...जिसमे कुछ पाँचवी कक्षा के तो कुछ बारहवी कक्षा के थे...
बच्चो को नेट से अवगत करवाया...हिन्द-युग्म बाल उद्यान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई...बच्चो ने इस अभियान में पूरी इमानदारी के साथ भाग लिया...







कुमारी राहत भी बच्चों को पढ़ाती है उन्हे बच्चों की गिनती का काम सौंपा गया और उन्होने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई...

और बच्चों के साथ बडे भी आ गये...






कार्यक्रम शुरू हुआ...कोई भी बच्चा किसी भी विषय पर कुछ भी बना सकता है...जानकर बच्चों ने रंगों के साथ खेलना शुरू कर दिया...

















...
जबतक इनामो की घोषणा की जाती हमने सभी उपस्थित लोगो को जो देखने भी आये थे,और बच्चों को चाय नाश्ता करवाया... सभी को इनाम की प्रतिक्षा थी...बेसब्री से सब बैठे हुए थे...

हर बच्चे के लिये हमने एक पेन इनाम के रूप में रखा था ताकि कोई भी बच्चा निराश न हो...
इमान के साथ प्रथम,द्वितीय और तृतीय को हिन्द-युग्म की तरफ़ से एक-एक प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया...
(युक्ति कुमारी...१३ साल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया)

(निकिता रावत...१२ साल ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया)

(हेमन्त १० साल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया)



(ख्याति मलिक...१३ साल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया)




(सहयोगी टीम-श्री पवन चोटिया,कुमारी राहत,श्रीमती सुनीताशानू(चोटिया)श्री सौरभ अग्रवाल,श्री अशोक तिवारी)


यह बीच में तीन इनामी बच्चे है जो युग्म के साथ जुड़ना चाहते है...दो छोटे बच्चे इनाम लेते ही आयोजन छोड़ कर भाग खड़े हुए...उन्होने तस्वीर खिचवाना भी गवारा नही समझा...:)

तो बच्चों से हम अलविदा लेते है...इस प्रकार के आयोजन हम निरन्तर करते रहेंगे...इसी आशा के साथ आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभ-कामनायें...
सुनीताशानू


Saturday, January 26, 2008

वसुन्धरा पुकारती--


सुनो सपूत देश के
जलाओ जोत प्यार की
वो देखो कितने प्यार से
वसुन्धरा पुकारती--

ये हिन्दू है ये सिक्ख है
मुसलमाँ ये ईसाई है
ना सोचो क्षुद्र बातों को
ये माँ के जाए भाई हैं
बहेगा रक्त माँ का ही
जो भूलो बात प्यार की
वो देखो---

मिलाओ हाथ हाथसे
बढ़ो कदम मिला के तुम
नज़र लगे किसी की ना
ऊँचाइयों को पाओ तुम
नो सोचो बात स्वार्थ की
डगर ये है परमार्थ की
वो देखो---

महान अपना राष्ट्र है
महान इसकी संस्कृति
युगों-युगों से बाँटती
ग्यान योग शान्ति
चलो बताएँ विश्व को
कि कम नहीं है भारती
वो देखो---

कसम उठाओ आज ये
कि वैर को भुलाएँगें
जो कोई भी कहेगा कुछ
भुलावे में ना आएँगें

करेंगें बात हम सदा
अभिन्नता औ प्यार की
वो देखो---

शोभा महेन्द्रू


Friday, January 25, 2008

तिरंगा के तीन रंग

सर ऊँचा कर कहे तिरंगा
सबसे आगे यह भारत है,
पीठ दिखाए वो हम नहीं-
सीना तना, लक्ष्य शहादत है।

याद दिलाता है चक्र हमें-
बढना हीं अपनी आदत है,
हम शेरों को रोक सके ,
किसमें यह ऎसी ताकत है।

भाषा-भूषा भिन्न हैं मगर,
दिल से हम सब एक हैं।
अनेकों मज़हब क्यों न हमारे,
पर सबके जेहन नेक हैं।

यादों की बारातें लेकर
जमा हुए हैं इस जगह पर,
बल प्रदान कर कहे केसरिया-
आगे बढ, तू मात्र फतह कर।

श्याम घनों के मधु से सिंचित
उर्वर खेतों की छटा निराली है,
जठरानल को प्रति-पल बेधे
माँ की तनया हरियाली है।

जीवन-मरण तो खेल यहाँ का,
सबका सबब विधाता है।
स्वार्थ का त्याग कर हम सोचें-
क्या मुदित हमारी माता है!

एक लक्ष्य रहे, एक रहें हम,
एक रहे हमारा वतन!
भूत के तम में दब-दब जाए-
अराति-राष्ट्र के सभी जतन।

इस तिरंगे के नीचे हम सब
खाते हैं आज एक कसम को-
प्रांत, जिले बने क्यों न हजार,
पर तोड़ेंगे न अखंड वतन को।

-विश्व दीपक 'तन्हा'


टेलीविजन अंधेरे में न देखें

कुछ लोग टेलीविजन देखने के लिए कमरे में बत्तियां बंद कर देते हैं यां पर्दे आगे कर देते हैं । उनको लगता है कि इससे पिक्चर की क्वालिटी अच्छी आयेगी । लेकिन मेरे प्यारे नन्हे दोस्तों ऐसा नही है ।
श्वेत प्रकाश में हमें वस्तुएं ज्यादा साफ एवं स्पष्ट नजर आती हैं । अत: पृष्ठभूमि में एक हल्के प्रकाश की उपस्थिति फायदेमंद है। हां यह अवश्य है कि यदि टेलीविजन के स्क्रीन पर प्रकाश की किरणें सीधे पड़ेंगी तो कुछ किरणें परावर्तित होंगी जिससे हमें टी. वी. साफ नही दिखाई देगा । इसलिए प्रकाश की उपस्थिति तो आवश्यक है किंतु सीधे टी. वी. स्क्रीन पर प्रकाश नही पड़े ।
टी. वी. को अंधेरे में देखने से आंखों पर अधिक जोर पड़ता है । स्क्रीन पर बार बार दृष्य बदलने से चमक कम और ज्यादा होती रहती है जो हमारी आंखों को अंधेरे कमरे में अधिक प्रभावित करती हैं । इसके अतिरिक्त अधिक चमक वाली रोशनी जब हमारी आंखॊं में प्रवेश करती है तो आंखों में भी इसका आंतरिक परावर्तन होता है जो कि रेटिना को प्रभावित करती है ।

कुलवंत सिंह


Thursday, January 24, 2008

बाल सेना...

रोबिन स्वेता गुड्डू चिंटू अकरम शीतल यूनुस खान
इस टेबल पर बना है नक्शा मेरा भारत देश महान
आओ खेलें एक खेल हम अपने देश की रक्षा का
कभी तो हम पर भी आयेगा जिम्मा वतन सुरक्षा का
अपने अपने ज्योमैट्री के बॉक्स उठाकर लाओ सब
इस नक्शे की करें हिफाजत आओ अब जुट जाओ सब
अपने अपने लट्टू बाँधो दो-सुइया प्रकालों पर
नजर रखेगी ये रडार फिर आने जाने वालों पर
स्वेता कहाँ है गन-पिचकारी होली पर जो लायी थी
चिंटू तुम बन्दूक ले आओ चाचू ने दिलवाई थी
खाने वाली मीठी गोली कोई आज नही खायेगा
अगर सामने दुश्मन आये उस पर ही बरसायेगा
छील-छील कर आज पेंसिल हम बारूद बनायेंगे
बुरी नज़र से जो देखेगा उसको वही खिलायेंगे
अगर कोइ हमला बोलेगा उसको खूब खदेड़ेंगे
मगर जवानो सुनो गौर से पहले से नहीं छेड़ेंगे
अपनी अपनी कॉपी खोलो तम्बू यहीं लगायेंगे
लंच बॉक्स अब हाथ में ले लो खाना खाने जायेंगे
गुड्डू शीतल यहीं रहेंगे खेमे की रखवाली में
इनका खाना यहीं लगा दो दे दो एक ही थाली में
अपने अपने सभी खिलौने सीमा पर तैनात करें
दुश्मन को ना पता चले अब धीरे-धीरे बात करें
मेरे पास एक रोबॉट है उसको भी ले आता हूँ
रिमोट वाला एक टेंकर विक्की से मँगवाता हूँ
दुश्मन के दाँतों को खट्टा करेंगे इमली दानों से
कितनी दूर खड़ा है हमसे नापेंगे पैमानो से
जितने भी हैं पेन पेंसिल सब मिसाइल तैनात करें
रंगों की डिब्बी के आड से कुछ बंकर की बात करें
भारत माँ का प्यारा नक्शा अब नहीं बँटने वाला है
बच्चा बच्चा आज सिपाही माँ तेरा रखवाला है..

- जय हिन्द


Tuesday, January 22, 2008

तितली रानी



तितली रानी तितली रानी
रँग बिरँगे पँखों वाली
करती तुम हरदम मनमानी
तितली रानी तितली रानी


कली कली पर तुम मँडराती
फूल फूल को तुम सहलाती
आओ एक पल पास हमारे
तितली रानी तितली रानी


दादी कहती नानी कहती
एक कहानी तितली रानी
मनभावन ये पँख तुम्हारे
तुम हो परियों की शहजादी
तितली रानी तितली रानी


तुम मेरी साथी बन जाओ
आओ तुमको सैर कराऊँ
मामा के घर तुम्हे घुमाऊँ
दूध मलाई तुम्हे खिलाऊँ
तितली रानी तितली रानी


जन्तर मन्तर, गुडिया घर ले जाऊँ
अप्पू घर की सैर कराऊँ
मेट्रो रेल में तुम्हे बिठाऊँ
इन्डिया गेट की कथा सुनाऊँ
तितली रानी तितली रानी


बात मेरी तुम मानो एक
रँग बिरंगे पँखों वाली
स्कर्ट मेरी तुम लाना एक
पहन तुम्हारे सँग चलूँगी
परी देश की सैर करूँगी
तितली रानी तितली रानी


चँदा से मुझको मिलवाना
अपने देश का हाल बताना
चँदा के मैं सँग खेलूँगी
मन की इच्छा पूरी करूँगी
तितली रानी तितली रानी


अच्छा तितली करती हूँ अब टाटा
भूल ना जाना अपना वादा
अब मुझको है अपने घर जाना
कब आओगी बतलाती जाना
तितली रानी तितली रानी
- सुषमा गर्ग
22.01.08


दीदी की पाती .[संसार की अनोखी नदियाँ ]





नमस्ते है सबको ...

यह संसार सच में बहुत अदभुत हैं न..अनोखी चीजें है यहाँ देखने वाली ..कुछ इंसान द्वारा रचित और कुछ कुदरती तौर पर बनी हुई ..जो इंसान बनाता है वह फ़िर भी समझ आता है ,,जैसे ताजमहल ,चीन की दिवार ,...पीसा की मीनार ,या मिस्त्र के पिरामिड ...सच में इंसान द्वारा बनाए गए संसार की आश्चर्यजनक चीजे हैं .पर कई चीजे कुदरत ने भी बहुत अनोखी दी हैं हमे ...वह ऐसी क्यों हैं कि हम कई बार जान नही पाते ....आज मैं तुम्हे संसार की कुछ अनोखी नदियों के बारे में बताती हूँ ...
-- संसार की अनोखी नदियाँ

मीठे पानी की नदी

अमेरिका में नेब्रास्का नदी का पानी बहुत मीठा है
इतना मीठा कि यह एक गिलास से ज्यादा पिया नही
जा सकता !

स्याही की नदी

अल्जीरिया की एक नदी का पानी नीले रंग का है सदा इसी रंग में
रहता है इस पानी के नीले रंग का कारण है कि पानी में
लेड आक्साइड और लोह लवण मिला है
इस नदी के पानी से लिखने का काम लिया जाता है इस लिए इसको स्याही की
नदी कहा जाता है

खट्टे पानी की नदी

चिली और अर्जन्टीना की सीमा रेखा के रूप में एक ऐसी नदी बहती है
किसके पानी का स्वाद चखने पर ताजे नींबू के पानी जैसा है
इस नदी का नाम राई ओडविनारी है इसके पानी के यहाँ के लोग शरबत
बना के पीते हैं ....



है न सच में यह अनोखी नदियाँ .....ऐसी ही अनोखी और अदभुत चीजों से यह संसार रचा हुआ है ...बस इनको देखने और इनके बारे में जानने की जरुरत है ..तो अब मैं चलूँ ..क्यूंकि मुझे लानी है आप के लिए ऐसी ही कुछ मजेदार जानकारी .अब उसके लिए कुछ नया तलाश करना होगा न .:) अपना ध्यान रखे ...और मेरी अगली पाती का इंतज़ार करें .हाँ यह बताना न भूले कि आपको यह जानकारी कैसी लगी ..

आपकी दीदी

रंजू