पहेलियाँ हमारी, जवाब आपके
घर-घर में बजवाये ताली |
कान पे भिन्न -भिन्न करता ,
दानी से बाहर वो फिरता |
शान से राजा घर में बैठे ,
वैसे कभी न मुँह को खोले |
तनिक उमेठो उसके कान ,
तुंरत जागे ,झटपट बोले |
जब पैरों का संग पा जाती ,
मीलों तक सवार पहुंचती
ख़ुद चलने की बात करो तो ,
एक ठौर ही खड़ी रह जाती
न हूँ कैमरा ,नाही प्रेस ,
ज्यों का त्यों रूप धर देस |
फिर भी नहीं सजा नकल की,
खेल है पैसा और अकल की |
कपडा हो या माला हो ,
रिश्ता बड़ा निराला हो |
आज की आज की पहेलियाँ भी बहुत ही सरल हैं ,हाँ नीति बेटा एक बात ध्यान से कान खोलकर सुनलो ,सिर्फ ,सिर्फ शाबासी और तालियाँ मिलेगी सही प्रतिभागियों को इसके अलावा और कुछ नहीं ,ज्यादा चॉकलेट खाने से दांत खराब होंगे ही होंगे चाहे टूथपेस्ट कोई सा भी हो |इसलिए आज से नो चॉकलेट ,नो पिज्जा ,नो बर्गर is it ok. पहेलियों के सही जवाब देने वाले प्रतिभागी को शन्नो जी के गाँव की सैर करवाने ले चलेंगे हम ,तो फिर देर किस बात की जल्दी लिखिए जवाब आपके और पहेलियाँ हमेशा की तरह हमारी ही |
नीलम मिश्रा

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
भोर हुई तो लोमडी आँखें मलती हुई उठी|पूँछ उसकी उगते हुए सूरज की और थी |छाया सामने पड़ रही थी |उसकी लम्बाई और चौडाई देखकर लोमडी को अपने असली स्वरुप का आभास मानो पहली बार हुआ|




















आज दुनिया के कई हिस्सों में मातृ-दिवस यानी मदर्स-डे मनाया जा रहा है। आप सभी को इस पर्व की ढेरों बधाइयाँ। भारत में माँ को समर्पित यह त्योहार मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। आपकी मीनू आन्टी आप सबके के लिए, आप जैसे अपनी-अपनी माँ से बहुत प्यार करने वाले बच्चों के लिए रचना श्रीवास्तव की लिखी कहानी 














"माँ कह एक कहानी।"
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-