बाल-उद्यान ने किया औरंगाबाद में स्मृति प्रतियोगिता का आयोजन

बाल-उद्यान टीम ने बच्चों में साहित्यिक विकास करने की कड़ी में आज औरंगाबाद के "झंवर कोचिंग क्लासेज़" में बाल-प्रतियोगिता का आयोजन कर बच्चों के लिये प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का आग़ाज़ किया। इस प्रतियोगिता में 100 से भी अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान बच्चों का उत्साह देखकर यह धारणा गलत साबित हुई कि "भारतवर्ष की नई पीढ़ी में साहित्य की ओर रूझान समाप्त हो गया है"
प्रतियोगिता के लिये बच्चों को 25 शब्द तीन मिनट के लिये दिये गये एवं उसके पश्चात तीन मिनट में ही उनसे उन्हीं शब्दों को दुबारा लिखने के लिये कहा गया। सबसे ज्यादा शब्द लिखने वाले नवीं कक्षा के छात्र तेजस बँगिनवार को प्रथम पुरस्कार एवं दसवीं कक्षा के छात्र चीराग पारेख को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। "झंवर कोचिंग क्लासेज़" के संचालक श्री राधेश्याम रामप्रसाद झंवर एवं श्रीमती सुशीला राधेश्याम झंवर ने हिन्द-युग्म की ओर से इन दोनों प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कार स्वरूप शब्दकोश प्रदान किये। इस कार्यक्रम का आयोजन "हिन्द-युग्म" की सक्रिय सदस्या श्रीमती सुनिता यादव द्वारा किया गया। 

गौरतलब है कि " झंवर कोचिंग क्लासेज़ " औरंगाबाद का ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थान है जिसमें कक्षा 8 से लेकर 12 तक के बच्चों को " आई.आई.टी. फाउंडेशन " एवं " सी॰ई॰टी॰ " परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है।
श्री महेश खण्डगले, श्रीमती डाण्डे, श्रीमती कनकाल, श्रीमती बीना श्रीवास्तव और श्री संतोष बंकर ने इस सफल आयोजन में हमारी मदद की।








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6 पाठकों का कहना है :
बाल-उद्यान के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम के लिये यहाँ मंच विषेश रूप से झंवर कोचिंग क्लासेज़" के संचालक श्री राधेश्याम रामप्रसाद झंवर एवं श्रीमती सुशीला राधेश्याम झंवर के साथ साथ श्री महेश खण्डगले, श्रीमती डाण्डे, श्रीमती कनकाल, श्रीमती बीना श्रीवास्तव और श्री संतोष बंकर का आभारी है। बच्चों में इस प्रकार के आयोजन नया समाज बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम होते हैं। सुनीता यादव जी की उर्जा का साधुवाद जिनके बढते कदमों की सराहना के शब्द मेरे पास नहीं...
*** राजीव रंजन प्रसाद
पहले कविता प्रतियोगिता और अब स्मृति प्रतियोगिता। सुनीता जी की सहायता से बाल उद्यान के ऐसे प्रयासों से बच्चों को साहित्य से लगाव कराया जा सकता है। झंवर कोचिंग क्लासिस की बहुत शुक्रिया जो उन्होंने ये प्रतियोगिता आयोजन में हिंद युग्म की सहायता करी। सुनीता जी, आप नहीं जानती आप बहुत अच्छा काम कर रहीं हैं।
--तपन शर्मा
बहुत ही अच्छी ख़बर लगी यह ..सुनीता जी आपकी कोशिश सच में बहुत अच्छी हो रही इस दिशा में .मेरी तरफ़ से ढेर सारी शुभ कामनाएं और बधाई !!
बच्चों की स्मृति बडों से बेहतर होती है, यह बात तो विज्ञान भी कहता है.
इस सन्दर्भ में ऐसे प्रयास निश्चित तौर पर सराहनीय हैं
इस कार्यक्रम के समस्त आयोजकों को बहुत्बहुत साधुवाद
आलोक सिंह "साहिल"
इस तरह के आयोजनों से न सिर्फ बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा का निखार होगा, वरन बाल उद्यान का भी प्रचार प्रसार होगा। हिन्द युग्म परिवार को इस सफल आयोजन की बधाई।
इस तरह के आयोजन बच्चों की सक्रियता,भागीदारी और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिये उपयोगी हैं।संस्था प्रधान व सुनीता जी बधाई के पात्र हैं।
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